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दुनियाभर से हट जाएंगे मोबाइल टावर… ISRO ने लॉन्च की Blue Bird Block-2 सैटेलाइट, मोबाइल को ऐसे मिलेगी कनेक्टिविटी

अंतरिक्ष में एक बार फिर भारत का परचम लहराया है। इसरो ने मोबाइल की दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मिशन लॉन्च किया है। ये मिशन अब दुनियाभर के मोबाइल फोन को सीधे अंतरिक्ष से कनेक्टिविटि देगा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Blue Bird Block 2 satellite

अब मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहे तो किसी रेंज या टावर की दिक्कत नहीं होगी। आपका फोन सीधे अंतरिक्ष से कनेक्ट होगा। ऐसा इसलिए कि अब दुनियाभर के मोबाइल को कनेक्टिविटी देने के लिए भारत ने ऐतिहासिक सैटेलाइट लॉन्च की है। यह सैटेलाइट टावर की बजाय सीधे अंतरिक्ष से कनेक्टिविटी मिलेगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च की। ये सैटेलाइट अंतरिक्ष के लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित की जाएगी। सैटेलाइट में 223 वर्ग मीटर का विशाल एंटीना लगा है। यह मिशन सीधे मोबाइल पर 5जी कनेक्टिविटी देगा। इससे पृथ्वी पर मोबाइल टावर की जरुरत खत्म हो जाएगी।

श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से बुधवार को ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट लॉन्च की गई। इसरो का यह साल का आखिरी और अब तक का 101 वां मिशन है। भारत का बाहुबली रॉकेट जाने वाले LVM3 ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को लॉन्च किया गया।

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कैसे हटेंगे मोबाइल टॉवर?

वर्तमान में 4 जी, 5जी आदि सभी प्रकार के फोन में नेटवर्क के लिए कंपनी को जगह जगह मोबाइल टावर लगाने पड़ते हैं। रेंज के हिसाब से कंपनी इन्हें तय करती है। लेकिन अब इन टावर का काम खत्म होने वाला है। ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट एक अगली पीढ़ी यानी नेक्स्ट जेन की प्रणाली का हिस्सा है। जानकारी के अनुसार, अगर यह सैटेलाइट सही कक्षा में स्थापित हो गया और कंपनी की टेस्टिंग सफल हुई तो इस सैटेलाइट से 4जी और 5जी स्मार्टफोन पर सीधे सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी। सैटेलाइट के बाद यूजर्स को किसी एंटीना या कस्टमाइज्ड हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी।

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बता दें कि यह मिशन भारत के स्पेस इतिहास में अब तक का सबसे भारी मिशन होगा। भारी मतलब सैटेलाइट का वजन सबसे ज्यादा होगा। ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 का वजन करीब 6100 किलोग्राम है। ISRO के चेयरमैन डॉ. वी नारायणन का कहना है कि यह भारत के लॉन्च व्हीकल द्वारा उठाया गया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है।


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