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क्या है INSAT-3DS? ISRO ने जिसे किया लॉन्च, तूफान और भूकंप से बचाव में कैसे मिलेगी मदद?

ISRO INSAT-3DS successfully launch: यह आधुनिक मौसम सैटेलाइट है, जो प्राकृतिक आपदाओं से पहले उसकी जानकारी देगा और खतरा होने पर तुरंत अलर्ट जारी करेगा। इस सैटेलाइट से मौसम की रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी। यह पुराने सभी सैटेलाइट INSAT-3D और INSAT-3DR के साथ मिलकर काम करेगा। इस सैटेलाइट का वजन 2274 kg है। यह वेदर संबंधी सभी इमरजेंसी जानकारी देगा।

ISRO INSAT-3DS लॉन्च
ISRO INSAT-3DS successfully launch: ISRO ने शनिवार को सैटेलाइट INSAT-3DS को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इस आधुनिक मौसम सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश के द्वीप श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया है। यह भूकंप, तूफान, बारिश, समेत अन्य प्राकृतिक आपदाओं से पहले उनकी जानकारी देगा और खतरा होने पर तुरंत अलर्ट जारी करेगा।

समय से वेदर इमरजेंसी की सूचना मिलने से जानमाल का नुकसान होगा कम 

जानकारी के अनुसार इस सैटेलाइट से समय रहते वेदर इमरजेंसी की सूचना मिल सकेंगी। जिससे समय से बचाव कार्य शुरू करने में मदद मिलेगी। जानकारों के अनुसार समय रहते सूचना मिलने पर जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकेगा। सैटेलाइट को GSLV-F14 रॉकेट के मध्यम से सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से लॉन्च किया गया।

पुराने सभी वेदर सैटेलाइट को करेगा सपोर्ट, साथ मिलकर देगा इंफॉर्मेशन

श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के वैज्ञानिकों के अनुसार शाम 5: 35 बजे इस सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह अपनी सीरीज का थर्ड जनरेशन सैटेलाइट है। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट का वजन 2274 kg है। यह मौसम की जानकारी देने वाले पुराने सैटेलाइट INSAT-3D और INSAT-3DR को सपोर्ट करेगा और उनके साथ मिलकर वेदर संबंधी सभी जरूरी जानकारी देगा।

मौसम की रियल टाइम जानकारी देगा

जानकारी के अनुसार यह सैटेलाइट स्पेक्ट्रल वेवलेंथ से निगरानी करेगा। यह समुद्र, जमीन के अलग-अलग लेवल और पर्यावरण के बारे में भविष्य में होने वाले बदलाव के बारे में इंफॉर्मेशन एकत्रित करने में मदद करेगा। यह मौसम में होने वाले बदलाव के बारे में रियल टाइम डेटा देगा। जिससे उनसे होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में समय से पता चल जाएगा। नुकसान की सूरत में हम किसी भी आपदा के लिए पहले से तैयारी कर सकते हैं। जानकारी होने पर उस आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी और बचाव कार्य भी तेजी से किया जा सकेगा। ये भी पढ़ें: कोहरा पड़ेगा या चलेगी ठंडी हवाएं? मौसम विभाग कैसे करता है भविष्यवाणी, जान लें प्रोसेस


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