ISRO Moon Mission Live Update: आज का दिन भारत और भारतवासियों के लिए गर्व भरा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने ड्रीम प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 को लॉन्च करने जा रहा है। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 पृथ्वी से चंद्रमा की तरफ उड़ान भरेगा।
करीब 40 से 50 दिन की यात्रा करने के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेंगे। इस मून मिशन पर पूरी दुनिया की नजर है। वैज्ञानिकों ने इस मिशन को गेम चेंजर बताया है।
ISRO Moon Mission Live Updates...
इसरो में वैज्ञानिकों की टीम श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद ट्रैक की प्रगति की निगरानी कर रही है।
चंद्रयान-3 ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से सतीष धवन स्पेश सेंटर से ठीक 02:35 बजे उड़ान भरी है। सफल उड़ान भरने के साथ ही इस मिशन में लगे वैज्ञानिकों से एक-दूसरे को बधाई दी। श्रीहरिकोटा में मौदूद कई स्कूलों के छात्र, पत्रकार और अन्य लोग चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के साक्षी बने।
चंद्रयान-3 का काउंटडाउन जारी है। अब से करीब 26 मिनट (खबर लिखे जाने तक) बाद चंद्रयान की लॉन्चिंग की जाएगी। बताया गया है कि लॉन्चिंग को देखने के लिए काफी संख्या में स्कूली बच्चे भी पहुंचे हुए हैं।
रक्षी मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए
@ISRO की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को शुभकामनाएं दीं और कहा कि जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसरो को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आइए साइंस, इनोवेशन और मानवीय जिज्ञासा में प्रगति का जश्न मनाएं जो हमें यहां तक लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि मिशन अंतरिक्ष खोजयात्रा की सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है।
इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी कि LVM-III में ईंधन लोडिंग चल रही है। इसरो ने कहा है कि L110 चरण में ईंधन भरने का काम पूरा हो चुका है और टीम ने रॉकेट के C25 चरण में ईंधन लोडिंग शुरू कर दी है।
प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक अपने अविश्वसनीय कौशल से हमें आश्चर्यचकित करने में शायद ही कभी असफल होते हैं। पटनायक ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर रेत से खूबसूरत मूर्तियां बनाते हैं और उन्हें प्रतिष्ठित हस्तियों और महत्वपूर्ण घटनाओं को समर्पित करते हैं। इस बार भी कलाकार ने निराश नहीं किया. पटनायक ने चंद्रयान-3 के लॉन्च दिवस को मनाने के लिए एक विशाल मूर्ति बनाई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आज देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। चंद्रयान-3 मिशन द्वारा भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश करेगा। इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की पूरी टीम के साथ-साथ और समस्त देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं। उम्मीद है कि हम शीघ्र ही चांद पर भी तिरंगा फहराएंगे।
बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने भी इसरो को शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि भारत चंद्रमा पर अपने तीसरे मिशन के लिए पूरी तरह तैयार है। इसरो के हमारे वैज्ञानिकों को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए शुभकामनाएं। झंडा ऊँचा रहे हमारा. जय हिंद!
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए इसरो को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा के लिए बड़ा दिन, #चंद्रयान3 आज लॉन्च के लिए तैयार है। मैं देश के साथ मिलकर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। इसरो वैज्ञानिकों, तकनीशियनों और सहायक कर्मचारियों को उनके सराहनीय कार्य के लिए धन्यवाद, क्योंकि हमारा देश चंद्रमा पर अपने मिशन में एक शानदार कदम आगे बढ़ा रहा है।
इसरो चीफ एस सोमनाथ और अन्य वैज्ञानिकों ने गुरुवार को तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर में पूजा अर्चना की। इसरो चीफ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि वह सफलतापूर्वक चांद पर उतरेगा। रोवर 26 किलो वजनी है जो 2 हफ्ते तक (चांद पर) काम करेगा। रोवर में काफी कैमरा लगे हैं।
चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सैटेलाइट अभी भी चालू
22 जुलाई 2019 को भारत ने चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था। वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक रोवर और एक ऑर्बिटर भेजा था। लैंडिंग हार्ड हुई थी, इसके चलते मिशन फेल हो गया था। हालांकि ऑर्बिटर सैटेलाइट अभी भी काम कर रहा है और उसके जरिए चंद्रमा से जुड़ी काफी जानकारी मिली है। चंद्रयान-3 पिछले मिशन का फॉलोअप मिशन है।
मून मिशन से हासिल क्या होगा?
चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के बाद लैंडर का उपयोग करके सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करेगा। चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद लैंडर मॉड्यूल से बाहर आएगा और अपने पेलोड APXS – अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर के माध्यम से चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेगा। इसके माध्यम से ग्रह की रासायनिक संरचना को जांचा और परखा जा सकेगा। प्राप्त की जा सके और चंद्रमा की समझ को और बढ़ाने के लिए खनिज संरचना का अनुमान लगाया जा सके।
इस रोवर के जरिए चन्द्रमा पर पड़ने वाली रोशनी, रेडिएशन, मून की थर्मल कंडक्टिविटी और तापमान की स्टडी की जाएगी। इसके साथ ही लैंडिंग साइट के आसपास होने वाली भूकंपीय गतिविधियों का भी अध्ययन किया जाएगा। चन्द्रमा की सतह पर प्लाज्मा के घनत्व और उसमें हुए बदलावों को भी इस मिशन के जरिए समझने का प्रयास किया जाएगा।
[caption id="attachment_275234" align="alignnone" ] Chandrayaan-3: लैंडर के ठीक नीचे प्रोपल्शन मॉड्यूल लगाया गया है।[/caption]
चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 में क्या है अंतर?
चंद्रयान-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर था। चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं है। सिर्फ लैंडर और रोवर है।
चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर की जगह स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल लगा है। जरूरत पड़ने पर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की मदद ली जाएगी।
प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान-3 के लैंडर, रोवर को चंद्रमा की सतह पर छोड़ देगा, जो चंद्रमा के चारों तरफ 100 किमी की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा।
प्रोपल्शन मॉड्यूल कम्यूनिकेशन के लिए है। यह लैंडर-रोवर से मिला संदेश भारत तक पहुंचाएगा।