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मेक इन इंडिया की बड़ी उपलब्धि: इंडियन कोस्ट गार्ड को मिला ‘समुद्र प्रताप’

इंडियन कोस्ट गार्ड के बेड़े में शामिल हुआ ‘समुद्र प्रताप’, जो समुद्री सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण में नई ताकत जोड़ेगा. मेक इन इंडिया के तहत बना यह अत्याधुनिक जहाज तेल रिसाव, रासायनिक प्रदूषण और समुद्री सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा.

समुद्र के सिकंदर यानी भारतीय तट रक्षक बल के बेड़े में शामिल हुआ है समुद्र प्रताप,जी हां जैसा नाम वैसा काम,समुद्र प्रताप के इंडियन कोस्ट गार्ड में शामिल होने से ना सिर्फ कोस्ट गार्ड की ताकत में इजाफा हुआ है बल्कि समुद्री सुरक्षा में और ज्यादा चौक्कने वाली ताकत मिल गई है. आपको बता दे कि समुद्र प्रताप में 60 प्रतिशत से अधिक आत्मनिर्भर भारत से बने सामान लगे हुए है. इसलिए इसे मेक इन इंडिया के तहत एक बड़ी उपल्बधि मानी जा रही है. इंडियन कोस्ट गार्ड के प्रवक्ता अमित उनियाल ने न्यूज 24 से विशेष जानकारी साझा करते हुए बताया कि समुद्र प्रताप जहाज कई अत्याधुनिक तरीके से बनाया गया है. इसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेन ने बनाया है.

इसकी डिजाइन इस तरह से की गई है कि अगर समुद्र में तेल रिसाव और रासायनिक प्रदूषण हुआ तो यह इससे तेजी से निपटने में माहिर होगा. इंडियन कोस्ट गार्ड इसे पूरी तरह से पहला प्रदूषण नियंत्रण करने वाला जहाज पाकर बहुत खुश है. प्रवक्ता अमित उनियाल के मुताबिक. जहाज को अत्याधुनिक हथियार से लैस करने के साथ ही इसमे हाईटेक सिस्टम को लगाया गया है.

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इसमें 30 मिमी की तोप, दो रिमोट कंट्रोल गन, आधुनिक ब्रिज सिस्टम और दमकल सिस्टम शामिल है.आम तौर पर समुद्री सीमा में के पास दुश्मन को पहचानने में तट रक्षक बल को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन समुद्र प्रताप के आन जाने से यह दुश्मनों को ढूढ कर मारने में सफल साबित होगा. क्योकि यह अपनी एरियल तकनीक से दोस्त और दुश्मन की पहचान करने में पूरी तरह से सक्षम है. सबसे खास बात यह है कि तटरक्षक बल को पहला ऐसा जहाज मिला है जिसमें डायनेमिक पोजिशनिंग सिस्टम, तेल की पहचान करने वाली मशीन और केमिकल डिटेक्शन सिस्टम लगाए गए हैं.

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जिससे यह समुद्र में होने वाली प्लूयशन पर बहुत ही तेजी से काबू कर सकता है. इतना ही नहीं समुद्र प्रताप जहाज समुद्री कानून को नर्वाह करवाने, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन और भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा. आपको बता दे कि समुद्र प्रताप जहाज की कुल लंबाई 114.5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर है. इसका विस्थापन भार 4170 टन है. गोवा शिपयार्ड ने इसे बनाने का काम साल 2022 के नवंबर महिने में शुरु किया था और इसे बनाने में 583 करोड़ रुपये की लागत बैठी है.


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