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बर्थडे मनाने आना था, लाश बनकर लौटे…पति से हुई आखिरी बात बताते हुए पत्नी बेहोश, सिपाही अजय डोडा में शहीद

Indian Army Marytr Sepoy Ajay Singh: भारतीय सेना के सिपाही अजय सिंह नरुका डोडा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए हैं, जबकि उन्हें अपनी पत्नी के जन्मदिन पर छुट्टी पर घर आना था, लेकिन ऐन मौके पर आतंकियों से मुठभेड़ में उन्हें गोली लग गई।

शहीद अजय सिंह जरुका 3 महीने पहले घर आए थे।
Martyr Sepoy Ajay Singh Wife Reaction: पत्नी का बर्थडे मनाने घर जाना था, छुट्टी भी मंजूर हो गई थी, लेकिन पत्नी के जन्मदिन के दिन ही बहादुर जवान देश पर बलिदान हो गया। सोमवार को पत्नी का जन्मदिन था, लेकिन रविवार को जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकियों मुठभेड़ हो गई, जिसमें सिपाही अजय सिंह नरुका को गोली लग गई। अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बर्थडे की खुशी के बीच पत्नी को पति को शहीद होने की खबर मिली तो वह बेहोश हो गई। होश आया तो बोली, मैंने जन्मदिन मनाने के लिए आने को कहा था, ऐसे नहीं आना था। आखिरी बार उनसे फोन पर बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि आतंकियों से लड़ाई जारी है, लेकिन मैं घर आ रहा हूं। छुट्टी मंजूर हो गई है, लेकिन अजय देश के लिए बलिदान हो गए। उनकी शहादत पर गर्व है, लेकिन बर्थडे पर ये नहीं चाहिए था।  

3 महीने पहले घर आए थे अजय सिंह

बता दें कि सोमवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सिपाही अजय सिंह नरुका (24) निवासी राजस्थान जिला झुंझुनू शहीद हुए हैं। उन्हें पत्नी का बर्थडे मनाने के लिए घर आना था, लेकिन आतंकियों की गोली का शिकार हो गए। अजय के चाचा ओम प्रकाश राजस्थान पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक हैं। उन्होंने बताया कि अजय ने घर पर फोन करके बताया था कि आतंकियों से मुठभेड़ चल रही है, लेकिन वह ठीक है। छुट्टी मंजूर हो गई है, जल्दी ही घर के लिए रवाना हो जाएगा। अब अचानक फोन आया और पता चला कि अजय नहीं रहा। अजय आखिरी बार करीब 3 महीने पहले घर आए थे। उनके परिवार में पत्नी शालू कंवर और उनके माता-पिता कमल सिंह और सलोचना देवी हैं। अजय और शालू की शादी 2 साल पहले हुई थी, लेकिन उनके अभी बच्चे नहीं हुए थे। यह भी पढ़ें:भाई किसे कहूंगी अब, राखी-सेहरा बांधना था…बृजेश थापा की शहादत से टूटी बहन, फूट-फूट कर रोए मां-बाप

आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर भागे

ओम प्रकाश ने बताया कि अजय का छोटा भाई करण वीर बठिंडा के एम्स से MBBS कर रहा है। अजय के एक चाचा सुजान सिंह BSF में थे, 14 दिसंबर 2021 को ओडिशा के लक्ष्मीपुर में माओवादी हमले में शहीद हुए थे। अजय के पिता कमल सिंह भी 2014-15 में सेना से रिटायर हुए थे। एक कायम सिंह नरुका को साल 2021 में आर्मी मेडल से सम्मानित किया गया था। अजय का पैतृक गांव बुहाना तहसील में भैसावता कलां है। बता दें कि रविवार रात को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में एक गांव में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली। सुरक्षा बलों ने पुलिस के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन चलाया तो जवानों पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में जम्मू पुलिस कर्मी समेत सेना के 4 जवान शहीद हो गए। 5 जवान घायल भी हुए, वहीं आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल के रास्ते फरार हो गए। यह भी पढ़ें:History: 16000 फीट ऊंचाई पर प्लेन में धमाका, 12 मिनट में 230 लोग मारे गए, लोगों ने आसमान से गिरती देखी लाशें


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