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क्या है ‘ऑपरेशन महादेव’ के नाम के पीछे की वजह? सेना ने लिया पहलगाम का बदला!

भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा सहित तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत लिडवास, श्रीनगर में 28 जुलाई को की गई। ऑपरेशन का नाम सावन के महीने और अमरनाथ यात्रा के चलते महादेव के नाम पर रखा गया। लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर मूसा की मौत को सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी सफलता बताया है।

ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकियों की मौत
पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को मारने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन महादेव' शुरू किया है। इसके तहत तीन आतंकी मारे गए हैं। इसमें एक कुख्यात आतंकी भी मारा गया है। पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का टॉप कमांडर हाशिम मूसा और सुलेमान भी इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना द्वारा मार गिराया गया है। यह ऑपरेशन 28 जुलाई को लिडवास इलाके में किया गया।

कैसे पड़ा 'ऑपरेशन महादेव' का नाम?

बताया गया है कि इस समय जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा चल रही है। लोग महादेव के दर्शन करने जा रहे हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन महादेव' रखा गया है। इसके साथ ही, जिस लिडवास में यह ऑपरेशन किया गया, उसके पास ही 'महादेव' नाम की एक पहाड़ी मौजूद है और यह ऑपरेशन सावन के महीने में अंजाम दिया गया। माना जा रहा है कि इसी वजह से इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन महादेव' रखा गया है।

सेना ने की पुष्टि, तीन आतंकी मारे गए

ऑपरेशन को लेकर सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सोमवार को श्रीनगर के हरवान के लिडवास इलाके में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। सूत्रों ने न्यूज24 को बताया कि मारे गए आतंकवादी हाल ही में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल माने जा रहे हैं और उनकी पहचान की पुष्टि की जा रही है। सेना ने कहा, "एक भीषण गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। अभियान जारी है।" इस अभियान में शामिल एक अधिकारी ने न्यूज24 को बताया कि तीन आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है, लेकिन अभियान अभी भी जारी है। यह कश्मीर घाटी में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के लिए एक बड़ी सफलता है, क्योंकि उन्होंने पहलगाम हमले से जुड़े लोगों को मार गिराया है। यह भी पढ़ें : ‘जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे’ से दिया जवाब, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन की 10 बड़ी बातें वहीं, एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की है कि हरवान में मारे गए लोग वास्तव में पहलगाम घटना में शामिल थे। 90% संभावना है कि ये पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी हैं और उनकी पहचान के लिए आगे के प्रयास जारी हैं। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।  


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