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‘मिशन कंप्लीट सर’ कहा और 300 लोगों की जान बचा शहीद हो गए लेफ्टिनेंट Triveni Singh

Martyr Lieutenant Triveni Singh: अपनी जान देकर 300 लोगों की जान बचाई और मिशन कंप्लीट सर कहते हुए दम तोड़ दिया। पढ़ें वीर सपूत की कहानी...

Martyr Lieutenant Triveni Singh
Martyr Lieutenant Triveni Singh Bravery Story: मां-बाप के इकलौते बेटे थे, लेकिन देशभक्ति ऐसे कूट-कूट कर भरी थी कि अपनी जान की परवाह तक नहीं करते थे। हथियारों से लैस आतंकियों ने जम्मू कश्मीर रेलवे स्टेशन को घेर लिया, लेकिन लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह ने दोनों को मारकर उनके नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया और करीब 300 लोगों की जिंदगी अपनी जान कुर्बान करके बचा ली। भारतीय सेना के इस शहीद लेफ्टिनेंट को उनकी बहादुर के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की बहादुरी की कहानी दुनिया को दिखाने के लिए साल 2023 में एक वेब सीरीज रक्षक- इंडियाज़ ब्रेव्स भी बनाई गई, जिसमें वरुण मित्रा ने त्रिवेणी सिंह की भूमिका निभाई थी। आइए जानते हैं भारत मां के उस वीर सपूत के बारे में...  

मार्शल आर्ट, तैराकी और एथलेटिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट रहे

त्रिवेणी सिंह का परिवार पंजाब के पठानकोट में रहता है। उनका जन्म 1 फरवरी 1978 को झारखंड के नामकुम में हुआ था। वे अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे और माता-पिता उन्हें मार्शल आर्ट चैम्पियन बनाना चाहते थे। इसलिए 15 साल की उम्र में उन्हें एथलेटिक्स एकेडमी में डाल दिया गया, जहां उन्होंने मार्शल आर्ट, स्विमिंग और एथलेटिक्स की ट्रेनिंग ली। त्रिवेणी मार्शल आर्ट में नेशनल लेवल पर परफॉर्म करके गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने तैराकी और एथलेटिक्स में भी गोल्ड मेडल जीते। उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना से ग्रेजुएशन भी किया, लेकिन वे सेना में भर्ती होना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एग्जाम दिया तो इंडियन आर्मी एकेडमी देहरादून में सेलेक्शन हो गया। 8 दिसंबर 2001 को वे आर्मी की 5 जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की स्पेशनल यूनिट का हिस्सा बन गए। उन्होंने कॉलेज ऑफ कॉम्बैट, महू यंग ऑफिसर्स बेसिक कोर्स और कमांडो कोर्स भी किया। स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग ली।

क्या हुआ था 2 जनवरी 2004 को?

शहीद लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की पोस्टिंग जम्मू में थी। पूरा देश नये साल का जश्न मना रहा था कि 2 जनवरी 2004 की सुबह हथियारों से लैस आतंकी जम्मू रेलवे स्टेशन में घुस गए। त्रिवेणी सिंह को ऑपरेशन की जिम्मेदारी मिली और वे 5 सैनिकों को लेकर जम्मू रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने एक आतंकवादी को ढेर कर दिया। दूसरा आतंकवादी ओवरहेड रेल ब्रिज से फायरिंग कर रहा था कि पीछे से त्रिवेणी सिंह ने उसे दबोच लिया। काफी देर तक दोनों में लड़ाई होती रही, इस बीच तीसरे आतंकी ने उन पर फायरिंग कर दी, लेकिन उन्होंने उसे मार गिराया। गोलियां लगने से त्रिवेणी सिंह घायल हो गए। उनके साथियों ने सभी आतंकियों को ढेर कर दिया, लेकिन तब तक त्रिवेणी सिंह दम तोड़ चुके थे। दम तोड़ने से पहले लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह ने अपने GOC मेजर जनरल राजेंद्र सिंह को सैल्यूट करके कहा कि मिशन पूरा हुआ, सर। त्रिवेणी सिंह को उनकी बहादुर के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया, जो राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों से 2004 में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान उनके पिता कैप्टन जनमेज सिंह (सेवानिवृत्त) ने ग्रहण किया।

'रक्षक' त्रिवेणी सिंह की बहादुरी को श्रद्धांजलि

शहीद लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की बहादुरी की कहानी दुनिया को दिखाने के लिए साल 2023 में एक वेब सीरीज 'रक्षक- इंडियाज ब्रेव्स' बनाई गई, जो अक्षय चौबे ने निर्देशित किया। यह 11 अगस्त 2023 को मिनी टीवी पर रिलीज हुई थी। इसमें त्रिवेणी सिंह का किरदार एक्टर वरुण मित्रा ने निभाया था। इनके अलावा एक्ट्रेस कनिका मान, मृणाल नवल, मृणाल कुलकर्णी, मोहित चौहान और गुनीत सिंह सोढ़ी भी वेब सीरीज में अहम किरदारों में दिखे। यह भी पढ़ें: MBA किया, MNC की नौकरी छोड़ मूर्तिकार बने, कौन हैं Arun Yogiraj, जिन्होंने रामलला की मूर्ति बनाई


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