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Indian Army के नए चीफ के वो 5 चैलेंज, जो पूरे करने होंगे प्रियोरिटी; उपेंद्र द्विवेदी आज संभालेंगे कमान

Indian Army New Chief Challanges: भारतीय सेना को आज नया अध्यक्ष मिल जाएगा। मनोज पांडे रिटायर हो रहे हैं और उपेंद्र द्विवेदी उनकी जगह लेंगे। वहीं पद संभालते ही नए सेना प्रमुख के सामने कई चैलेंज होंगे, जिनसे उनको डील करना होगा। आइए उन चैलेंज के बारे में जानते हैं...

Indian Army Chief Upendra Dwivedi
Indian Army New Chief Priorities: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे आज रिटायर हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी उनकी जगह लेंगे। देश के 30वें आर्मी चीफ बनेंगे। गत 11 जून को केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को बतौर नए थलसेना अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। उपेंद्र भारतीय सेना के वाइस चीफ रह चुके हैं। नॉर्दर्न आर्मी कमांडर और DG इन्फेंट्री भी रह चुके हैं। उन्होंने भारतीय सेना में कई पदों पर रहते हुए देशसेवा की है। वहीं पद संभालते ही उपेंद्र द्विवेदी के सामने कई चुनौतियां होंगी। सबसे बड़ी चुनौती लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC ) पर चीन से निपटना है। लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर आतंकवादियों से निपटना है। आइए उन फोकस एरिया की बात करते हैं, जो भारतीय सेना के नए अध्यक्ष की पद संभालते ही प्राथमिकता रहेंगे और बड़ी चुनौती भी, जैसे... यह भी पढ़ें:बेटी को दुल्हन बनाने की थी तैयारी, पर अधूरा रह गया सपना; दिल्ली एयरपोर्ट के हादसा पीड़ित की दर्दनाक कहानी

अग्निवीर भर्ती योजना में बदलाव

उपेंद्र द्विवेदी की सबसे पहली चुनौती अग्निपथ स्कीम रहेगी। अग्निवीर भर्ती योजना में बदलाव रहेंगे। साल 2022 में भारतीय सेना के तीनों अंगों में भर्ती के लिए यह स्कीम लॉन्च हुई थी, लेकिन यह स्कीम शुरुआत से ही विवादों में है। सियासी मुद्दा भी बन चुकी है, क्योंकि 4 साल की सर्विस के बाद 25 प्रतिशत सैनिकों को ही परमानेंट करने का प्लान युवाओं को पसंद नहीं आया है। इसलिए स्कीम के फॉर्मेट और प्रावधानों में बदलाव करके इसे प्रचलन में लाना सबसे बड़ा टारगेट नए सेनाध्यक्ष का रहेगा। यह भी पढ़ें:‘उसने शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा जगाई’; 21 साल छोटे लड़के संग 62 वर्षीय महिला की रोमांटिक लव स्टोरी

ड्रग स्मगलिंग और आतंकवाद

नए सेना प्रमुख का दूसरा सबसे बड़ा चैलेंज आतंकी होंगे, जो आए दिन भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। ड्रग्स और हथियार भेज रहे हैं। हथियार लेकर भारतीय सीमा में घुसते हैं। हमले करके लोगों की जान लेते हैं। मई-जून 2024 में जम्मू कश्मीर में कई आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें सेना के जवानों और आम लोगों की मौत हुई। वैष्णा देवी जा रहे श्रद्धालुओं की बस को भी आतंकियों ने टारगेट किया। ऐसे में नए चीफ के सामने चुनौती रहेगी कि आतंकी साजिशों का पहले से पता लगाकर उन्हें नाकाम कैसे किया जाए? इसके लिए उन्हें आर्मी इंटेलिजेंसी और ह्यूमन इंटेलिजेंसी को मजबूत करना होगा, इससे पहले यह देखना होगा कि सिस्टम कमजोर क्यों और कैसे पड़ा? जो आतंकियों की हरकतों को भारत भांप नहीं पा रहा। नतीजा क्या है, भारत में आतंकी हमले करके लोगों की जान ली जा रही है। यह भी पढ़ें:42 साल के पिता को 17 वर्षीय बेटी डोनेट करेगी लिवर, सरकार के बाद हाईकोर्ट से मिली परमिशन

सेना के जवानों की संख्या बढ़ाना

आर्मी के नए चीफ का तीसरा सबसे बड़ा चैलेंज भारतीय सेना में जवानों की संख्या को बढ़ाना है। क्योंकि पिछले 2 साल में अग्निवीर भर्ती योजना के विरोध के कारण जवानों की भर्ती कम हुई है। वहीं लद्दाख में LAC, जम्मू कश्मीर में LOC पर तनाव बढ़ा है। पंजाब बॉर्डर पर ड्रोन मूवमेंट बढ़ी है। वहीं मणिपुर में हालात काफी खराब हुए हैं। इन सभी मामलों को संभालने के लिए ज्यादा जवानों की जरूरत है। ऐसे में सेना में बढ़ती जवानों की कमी को पूरा करना उपेंद्र द्विवेदी के लिए चैलेंज होगा। यह भी पढ़ें:शादीशुदा महिला को नौकरी नहीं देंगे…देश की सबसे बड़ी कंपनी का फरमान, क्या है 2 बहनों से जुड़ा विवाद?

आधुनिक हथियार और युद्ध के नए तरीके सिखाना

भारतीय सेना के नए अध्यक्ष के लिए चौथा बड़ा चैलेंज आधुनिक हथियार खरीदना और जवानों को युद्ध के नए तरीके सिखाना। 21वीं सदी में आर्म्स टेक्नोलॉजी काफी मॉडर्न हो गई है। देश की सुरक्षा के लिए जहां विदेशों से मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस हथियार, फाइटर जेट, एयरक्राफ्ट खरीदे जा रहे हैं। वहीं इन हथियारों की ट्रेनिंग जवानों को देना चैंलेज होगा। जवानों तक सुविधाएं समय पर पहुंच जाएं, इसके लिए उन्हें प्रयास करने होंगे। क्योंकि आजकल सैन्य सामान देश में ही बनने लगा है तो उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना उनका जिम्मा रहेगा। 21वीं सदी में युद्ध करने के तरीके भी बदल गए हैं। ऐसे में जवानों को नई तौर तरीकों की ट्रेनिंग समय पर दिलाकर उन्हें युद्ध जैसी स्थिति के लिए पहले से तैयार करना होगा। परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाना भी एक चैलेंज हो सकता है। यह भी पढ़ें:Chandrayaan-4 के लिए जबरदस्त प्लान; इसरो पहली बार करेगा ऐसा कारनामा, भारत रचेगा बड़ा इतिहास


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