नाम को लेकर कार्यक्रम में नहीं शामिल हुए थे जिन्ना
यहां पर बता दें कि 1947 में भारत की आजादी के एक महीने बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने एक कला प्रदर्शनी का मानद अध्यक्ष बनने के लिए लुईस माउंटबेटन के निमंत्रण को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया था कि निमंत्रण पत्र में देश को संदर्भित करने के लिए हिंदुस्तान के बजाय INDIA का इस्तेमाल किया गया था।जिन्ना ने भ्रामक बताया था INDIA नाम को
उस समय मोहम्मद अली जिन्ना ने बाकायदा एतराज जताते हुए माउंटबेटन को लिखा था कि यह बहुत दुख की बात है कि कुछ रहस्यमय कारणों से हिंदुस्तान ने 'INDIA' शब्द अपनाया है जो निश्चित रूप से भ्रामक है और भ्रम पैदा करने वाला है। माना जाता है कि वह भारत नाम को भी पसंद नहीं करते थे, बल्कि वह अपने संबोधन में हमेशा 'हिंदुस्तान' शब्द का इस्तेमाल करते थे। गौरतलब है कि संविधान में INDIA और भारत दोनों तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने की इजाजत मिली हुई है। यह बात कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है। बताया जा रहा है कि केंद्र में सत्तासीन एनडीए सरकार अब INDIA शब्द को हटाकर सिर्फ भारत करने जा रही है। इसको लेकर जहां विपक्ष हमलावर है तो वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी प्रतिक्रिया मिल रही है।INDIA vs BHARAT मामले पर पाकिस्तान का बड़ा दावा, कहा- हम अपना लेंगे ‘इंडिया’ नाम
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि केंद्र में सत्तासीन नरेन्द्र मोदी सरकार ने पूर्व में कई शहरों और जिलों के नाम बदले हैं। खासकर केंद्र सरकार ने मुस्लिमों के नाम पर रखे जिलों और शहरों का नाम बदला गया है, जिसके बाद वहां के अल्पसंख्यक नाराज हैं।
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... तो BRICS का नाम भी बदलना होगा
चैनल का यह भी कहा है कि भारत लगातार मुस्लिमों के नाम पर रखे गए शहरों के नामों को बदला जिससे वहां के अल्पसंख्यक बेहद नाराज हैं। एक रूसी पत्रकार के हवाले से लिखा गया है कि अब तो BRICS का नाम भी बदलना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि हाल ही में तुर्की ने अपने देश के नाम बदलकर तुर्किए रखा है और INDIA अपना नाम बदलकर भारत कर सकता है।
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