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भारत-अमेरिका के बीच हुआ बड़ा रक्षा समझौता, 10 साल के लिए डिफेंस इंफ्रा पर बनी सहमति

टैरिफ विवाद के बीच भारत और अमेरिका के बीच बड़ा रक्षा समझौता हुआ है। इस समझौता का तहत दोनों देशों में 10 सालों के लिए डिफेंस इंफ्रा पर सहमति बनी है। राजनाथ सिंह ने एक्स पर इसकी जानकारी दी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

भारत अमेरिका के बीच बड़ा रक्षा समझौता

पिछले कई महीनों से भारत और अमेरिका के बीच संबंध बेहतर नहीं चल रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का फैसला और भारत पाक संघर्ष रुकवाना का बार बार दावा करना बड़ी वजह बन रहे थे। इसी बीच दोनों देशों के लिए अच्छी खबर आई है। भारत अमेरिका के बीच बड़ी डिफेंस डील हुई है। इसके तहत 10 सालों के लिए अमेरिका-भारत ने रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर हुए हैं। अमेरिकी युद्ध मंत्री पीट हेगसेथ ने एक्स प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी शेयर की है।

बता दें कि मलेशिया के कुलालंपुर में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) कार्यक्रम हुआ। इसमें भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहुंचे। इस दौरान शुक्रवार को यहां राजनाथ सिंह की मुलाकात अमेरिकी युद्ध मंत्री पीट हेगसेथ से हुई। कार्यक्रम में 'एडीएमएम-प्लस के 15 सालों पर चिंतन और आगे की राह तैयार करना' विषय पर कार्यक्रम हुआ।

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पीट हेगसेथ ने बताया कि मैंने अभी-अभी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है। कहा कि 10 साल अमेरिका-भारत ने रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हमारी रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और प्रतिरोध की आधारशिला है। कहा कि हम अपने समन्वय, सूचना साझाकरण और तकनीकी सहयोग को बढ़ा रहे हैं। हमारे रक्षा संबंध पहले कभी इतने मजबूत नहीं रहे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि कुआलालंपुर में अपने अमेरिकी समकक्ष, युद्ध सचिव पीट हेगसेथ के साथ एक उपयोगी बैठक हुई। कहा कि हमने 10 साल 'अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा' पर हस्ताक्षर किए। दावा किया कि यह हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करेगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह डील रक्षा रूपरेखा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगी। यह हमारे बढ़ते रणनीतिक अभिसरण का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा। रक्षा हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बना रहेगा। एक स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है।

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