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नेशनल हाईवे के निर्माण में भारत ने बनाया रिकॉर्ड, 2025 में गुणवत्ता सुधार पर जोर

पिछले 10 सालों में भारत में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 146,000 किलोमीटर हो गई है। ये देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सरकार ने 2025 में गुणवत्ता सुधार पर काम करने का विचार किया है।

National Highway
National Highway Record India: भारत ने  पिछले 10 सालों में 56,700 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) का निर्माण करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है ,जो भारत के लिए एक अहम उपलब्धि है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 2025 में सड़क निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार करने की योजना बनाई है। बता दें कि MoRTH भारत के हर राजमार्ग के निर्माण, ऑपरेशन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

नेशनल हाईवे की गुणवत्ता में सुधार

जानकारी मिली है कि 2013-14 से 2023-24 तक नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 146,000 किलोमीटर हो गई है। अब सरकार इसकी गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में काम करेगी। बता दें कि नए राजमार्ग सचिव वी उमाशंकर ने कई बैठकें भी की हैं, जिसमें सड़क निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार पर विचार किया गया। [caption id="attachment_998175" align="alignnone" ] Highway[/caption]

NHAI ला रहा नया रेटिंग सिस्टम

हालांकि, कुछ हाईवे जैसे दिल्ली-जयपुर (NH-48) और अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर अपनी खराब क्वालिटी के लिए सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहे और उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा। ऐसे में मंत्रालय ने इन सड़कों को बेहतर बनाने के लिए काम करने की योजना बनाई है। इतना ही नहीं हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कुछ राजमार्गों की खराब गुणवत्ता को लेकर निराशा जताई थी। इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक नया रेटिंग सिस्टम भी शुरू किया है। यह सिस्टम हाईवे के निर्माण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनियों के काम और परफॉर्मेंस का आकलन करेगा। इसके अलावा इस रेटिंग को हर छह महीने में अपडेट किया जाएगा और NHAI की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर शेयर भी किया जाएगा। इसके अलावा NHAI 2025 में  दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे जैसे खास प्रोजेक्ट को पूरा करने की दिशा में काम करेगा। इससे लोगों के लिए इन शहरों में ट्रैवल करना और भी आसान हो जाएगा। यह भी पढ़ें- Asia Worst Cities For Traffic: सबसे स्लो शहर बेंगलुरु, पीक आवर्स में सालाना 132 घंटे होते हैं बर्बाद


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