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भारत-पाकिस्तान में युद्ध की दस्तक! जानें क्यों जरूरी है 7 मई को 244 जिलों में होने वाली मॉक ड्रिल?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ा तनाव युद्ध के मुहाने पर पहुंच गया है। भारत सरकार ने सैन्य स्तर पर युद्ध की तैयारी पहले से ही शुरू कर रखी है, अब नागरिक स्तर पर भी युद्ध की तैयारी शुरू होने वाली है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव से युद्ध के आसार बन गए हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने 7 मई को मॉक ड्रिल कराने का ऐलान किया है। गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, 7 मई दिन बुधवार को देशभर के 244 जिलों लोगों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी और रिहर्सल की जाएगी। रिहर्सल और प्रैक्टिस जिला, शहर, कस्बा और गांव स्तर पर की जाएगी। यह अभ्यास सिविल डिफेंस रूल्स 1968 के तहत किया जाएगा। 2 मई को ही मॉक ड्रिल और रिहर्सल के आदेश जारी हो गए थे, लेकिन देशवासियों को इसकी जानकारी 5 मई को दी गई।  

गृह मंत्रालय के आदेश का मकसद

मॉक ड्रिल, सिविल डिफेंस रिहर्सल और प्रैक्टिस का मकसद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस सिस्टम की तैयारी को परखना है। सिस्टम को और ज्यादा मजबूत और प्रभावी बनाना है। लोगों को यह सिखाना है कि अगर पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो देशवासी खुद को हमले से कैसे बचा सकेंगे‌? मॉक ड्रिल, प्रैक्टिस, रिहर्सल इसलिए की जा रही है, ताकि युद्ध के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। युद्ध के समय लोगों को अफरा तफरी से बचाना। उनकी घबराहट को कम करना और हमले से एक दूसरे की जान बचाना है। देशसेवा का जज्जा उनमें भरना है।  

मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?

गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, मॉक ड्रिल का मतलब यह है कि अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ जाए तो इमरजेंसी में, एयर स्ट्राइक या हमला होने पर लोग और प्रशाासन कैसे रिएक्ट करेंगे और कितनी जल्दी रिएक्ट करेंगे? इस दौरान हवाई हमले के सायरन बजेंगे तो न घबराते हुए एक दूसरे की मदद करनी है। हमले से अपनी-दूसरों की सुरक्षा करनी है। बिजली बंद करके ब्लैकआउट किया जाएगा तो क्या करेंगे? ब्लैकआउट होने का मतलब हमला होगा तो अंधेरे में खुद को सुरक्षित कैसे रखेंगे? मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, नेशनल कैडेट कोर (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और स्कूल-कॉलेजों के स्टूडेंट्स हिस्सा लेंगे। यह भी पढ़ें:पहलगाम नहीं इस शहर में आतंकी हमला होने का खुफिया इनपुट था, सामने आया चौंकाने वाला सच

मॉक ड्रिल में यह सब सिखाया जाएगा

मॉक ड्रिल के स्कूलों, ऑफिसों और कम्युनिटी सेंटर्स में वर्कशॉप्स लगाई जाएंगी। मॉक ड्रिल में सायरन बजाया जाएगा। ब्लैकआउट किया जाएगा। लोगों को फैक्ट्रियों, कारखानों, ऑफिसों, अस्पतालों, स्कूलों को छिपाना सिखाया जाएगा। भीड़ वाली जगहों को खाली कराना और लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना सिखाया जाएगा। छिपने की जगहों के बारे में बताया जाएगा। किसी के घायल होने पर फर्स्ट एड देना और खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखना सिखाया जाएगा। बिजली बंद करके शहरों, स्कूलों, ऑफिसों, अस्पतालों, फैक्ट्रियों, कंपनियों, पावर प्लांट, बिजली घरों को दुश्मन के हमले से छिपाया जाएगा। छिपने और छिपाने के दौरान आने वाली बाधाओं के बारे में और उनसे निपटने के तरीके बताए जाएंगे। यह भी पढ़ें:भारत-पाकिस्तान के बीच किन-किन चीजों का होता है निर्यात? बैन का क्या होगा असर, जानें पूरी डिटेल


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