आखिर क्यों India और Pakistan ने एक दूसरे से शेयर की परमाणु ठिकानों की सूची? एक समझौते से खास कनेक्शन
India Pakistan Relations
India Pakistan Exchanges Nuclear Installations: भारत और पाकिस्तान ने आज एक दूसरे से दोनों देशों के परमाणु ठिकानों की सूची शेयर की। एक द्विपक्षीय समझौते के तहत सूची का आदान-प्रदान दोनों देशों ने किया। दोनों देशों के बीच हुआ यह समझौता एक दूसरे को एक दूसरे के परमाणु ठिकानों पर हमला करने से रोकता है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि समझौता 1988 में हुआ था और 1991 में इस पर अमल किया गया। इसके बाद 1992 में एक दूसरे से परमाणु ठिकानों की सूची जारी की जाने लगी। तब से हर साल यह सूची शेयर की जाती है, ताकि कभी युद्ध के हालात बनें तो इस सूची और समझौते पर अमल किया जा सके।
33वीं बार सूचियों का आदान-प्रदान किया गया
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पिछले कुछ समय से नॉर्मल नहीं हैं। बावजूद इसके नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिकों के जरिए एक दूसरे को परमाणु ठिकानों की सूची सौंपी। दोनों देशों के बीच समझौते पर 31 दिसंबर 1988 को हस्ताक्षर किए गए। 27 जनवरी 1991 को समझौते पर अमल किया गया। इसके बाद यह 33वीं बार हुआ, जब दोनों देशों ने एक दूसरे से सूचियों का आदान-प्रदान किया। पहली बार सूचियों का आदान-प्रदान एक जनवरी 1992 को हुआ था। वहीं साल 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत बंद है। इस हमले के लिए आतंकवादी पाकिस्तान से ही आए थे।
2008 से दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं हो रही
पाकिस्तान में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा काफी सक्रिय है। साल 2008 में इसी संगठन के करीब 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते भारत में घुसे थे। उन्होंने मुंबई में खूब गोलियां बरसाईं, जिसमें 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों ने कई बार संबंध अच्छे करने की कोशिश की, लेकिन बार-बार हुए आतंकी हमलों ने इन कोशिशों को सफल नहीं होने दिया। 2009 में जम्मू कश्मीर में पुलवामा में आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के संबंध और बिगड़ गए। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद ने कराया था। अब एक बार फिर बॉर्डर पर पाकिस्तान कुछ हरकत करने की कोशिश में है। इस बीच एक जनवरी 2024 को समझौते के अनुसार सूचियों का आदान-प्रदान किया गया है।
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