Project Kusha: भारतीय रक्षा मंत्रालय बहुत जल्द सेना के लिए प्रोजेक्ट कुशा लेकर आने वाली है. वर्तमान में छह देशों के बीच हुए अजरबैजान-अर्मिनिया,रुष -युक्रेन, हमास और इजाराइल के बीच हुए युद्ध के बाद भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर से सबक लेते हुए, रक्षा मंत्रालय अपने तीनों सेना को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करने में जुटी हुई है. इस मजबूती के लिए बहुत जल्द सेना में शामिल होगा प्रोजेक्ट कुशा.
क्रूज हो या बैलिस्टिक, सभी मिसाइलों का काल होगा 'कुशा'
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ट अधिकारी मेजर जनरल राजन कोचर ने न्यूज 24 से जानकारी देते हुए कहा कि कुशा का काम सेना में कई एंगल पर लेने का है. यानी कुशा क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को बहुत दूर से ही बर्बाद तो कर ही देगा. वह उन हमलों पर भी नजर रखेगा जिसके लिए दुश्मन घात लगाकर बैठा हुआ होगा. आपको बता दें कि लंबे समय से सेना को एक ऐसे प्रजेक्ट की तलाश थी जो दुश्मन के सामने सेना के लिए ढाल बनकर तैयार बैठा रहे. भारतीय वायुसेना इस प्रोज्कट के लिए सबसे ज्यादा उत्साहित है.
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कुशा के इंतजार में भारतीय सेना
क्योंकि भारतीय वायुसेना अपने हवाई जोन को ज्यादा से ज्यादा सेफ रखना चाहती है. ठीक इसी तरह भारतीय थल सेना भी अपने अंतराष्ट्रीय सीमा को मजबूती देने के लिए कुशा के इंतजार में है. एक ऐसा भी समय था भारतीय सेना के लिए कि अगर इन्हें एक सुई की भी जरूरत पड़ती थी तो वे विदेशों पर निर्भर हुआ करते है. लेकिन आज वह दिन है जब रक्षा मंत्रालय ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर भारत के तहत हथियारों और मिसाइलों को बनाने में जुटी हुई है.
दुश्मन के घर में घुसकर करेगी वार
क्या आपने कभी सोचा होगा कि भारतीय सेना के पास कभी ऐसी भी मिसाइल आ सकती है जो दुश्मन के ठिकानों पर घुस कर वार कर सकती है, वह भी 400 किलो मिटर के अंदर जा कर वार करने में सक्षम मिसाइल. लेकिन प्रोजेक्ट कुशा यह सब करने जा रहा है. आपको बता दें कि अगर दुश्मन की कोई लंबी रेंज वाली मिसाइल भारत की सीमा में घुस कर वार करने वाली है, तो अपने रडार के बल पर कुशा तुरंत दुश्मन को मार गिराएगा. डीआरडीओ बहुत तेजी से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटा हुआ है.