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भारत के ‘चक्रव्यूह’ में फंसा ड्रैगन, ‘साइलेंट’ रणनीति ने बंगाल की खाड़ी में चीनी जहाजों को नचाया!

भारत ने पहले 'नो फ्लाई जोन' के लिए नोटम जारी किया, फिर रद्द कर दिया. ऐसा भारत ने तीन बार किया. तीनों बार चीन ने भी अपने जासूसी जहाज वहां तैनात किए.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत किसी बड़ी मिसाइल का परीक्षण कर सकता है.

जब हिंद महासागर में चीन अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है, ऐसे वक्त पर बंगाल की खाड़ी में भारत और चीन बंगाल की खाड़ी में रणनीतिक दांव-पेंच का एक शांत खेल खेलते हुए दिखाई दिए. पहले भारत बंगाल की खाड़ी के ऊपर 'नो-फ्लाई जोन' का ऐलान करता है, फिर जासूसी करने के लिए चीनी जहाज वहां पहुंच जाते हैं. फिर भारत अपनी योजना बदल देता है. संभावना जताई जा रही है कि शायद भारत ने 'नो-फ्लाई जोन' का ऐलान मिसाइल परीक्षण के लिए किया था. नवंबर के आखिरी हफ्ते में भारत ने तीन 'नोटम' जारी किए थे, लेकिन फिर उन्हें कैंसिल कर दिए गए. बता दें, नोटम का मतलब उस नोटिस से होता है तो हवाई जहाज के पायलट को भेजा जाता है, पायलट को बताया जाता है कि किसी खास एयरस्पेस से विमान को दूर रखना है.

जब भारत ने नोटम जारी कर कैंसिल कर दिए, उसी वक्त उस इलाके में चीन ने पांच जहाज अचानक तैनात कर दिए. इस वजह से सवाल यह पैदा होता है कि क्या भारत वास्तव में कोई मिसाइल परीक्षण की योजना बना रहा है, या सिर्फ इन चीनी जहाजों का रिएक्शन देखने की कोशिश कर रहा है. चीन अक्सर समुद्र तल के सर्वे के बहाने इन जहाजों को तैनात करता रहता है.

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क्या लगने लगीं अटकलें?

इतने बड़े क्षेत्र के नोटिस से लगा कि भारत कोई लंबी दूरी की बड़ी मिसाइल का टेस्ट होने वाला है. अटकलें लगने लगीं कि भारत परमाणु-क्षमता वाली K-4 मिसाइल का परीक्षण कर सकता है. यह काफी लंबे समय से पाइपलाइन में है. इस मिसाइल की रेंज 3,500 किमी है. यह मिसाइल पाकिस्तान के ज्यादात्तर हिस्सों और चीन के बड़े हिस्सों में टारगेट पर हमला कर सकती है.

कब शुरू हुआ ये खेल?

यह खेल नवंबर के आखिरी हफ्ते में शुरू हुआ, जब भारत ने 1-4 दिसंबर के लिए 3,500 किमी लंबे एरिया में 'नो-फ्लाई जोन' का नोटिस जारी किया. यह इलाका ओडिशा के चांदीपुर से विशाखापत्तनम तक था. इसे भारत के अब तक के सबसे बड़े परीक्षण क्षेत्रों में से एक माना जाता है.

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जब चीन ने भेजा जहाज

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने जैसे ही घोषणा की, चीन ने अपना रिसर्च जहाज 'Lan Hai 101'हिंद महासागर में भेज दिया. उस इलाके में पहले से तीन जहाज मौजूद थे. 'Shi Yan 6' जहाज मॉरिशस के पोर्ट लुइस की ओर बढ़ रहा था, 'Shen Hai Yi Hao' जहाज को दक्षिण-पूर्व एशिया के पास तैनात किया गया था, जबकि 'Lan Hai 201' जहाज डिएगो गार्सिया के पास एक्टिव था. जब से उस इलाके में 'नो-फ्लाई जोन' लागू होना था ठीक एक दिन पहले, भारत ने अलर्ट हटा दिया. फिर 11 दिसंबर के लिए एक नया नोटम जारी किया गया, हालांकि काफी छोटे एरिया यानी करीब 1,190 किलोमीटर के लिए यह नोटम था. इससे अंदाजा लगाया गया कि हो सकता है भारत कम दूरी की मिसाइल का टेस्ट करे. लेकिन यह अलर्ट भी वापस ले लिया गया. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान को भी इंगेज रखा. भारत ने कराची के बहुत करीब यानी करीब 200 नॉटिकल मील दूर अरब सागर में एयर फ़ोर्स एक्सरसाइज के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया था.

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डबल यूज वाले चीनी जहाज

चीन के ये सभी जहाज 'डबल यूज' वाले माने जाते हैं, यानी ये समुद्री जीवन के रिसर्च के साथ-साथ मिसाइल को ट्रैक करने वाले उपकरणों से भी लैस होते हैं. ये 'जासूसी' जहाज मिसाइल के रास्तों की निगरानी कर सकते हैं और संवेदनशील डेटा चुरा सकते हैं. बता दें, इससे पहले भी भारत ने इस बात पर चिंता जताई थी कि श्रीलंका जाते समय चीन जहाज भारतीय ठिकानों पर जासूसी कर सकते हैं. श्रीलंका में हंबनटोटा पोर्ट को चीन ही मैनेज करता है.

9 दिसंबर को भारत ने 17-20 दिसंबर के लिए बंगाल की खाड़ी के लिए फिर से नोटिस जारी किया. शुरुआत में यह नोटिस 2,250 किलोमीटर का था, फिर इसे 3,550 किलोमीटर तक का कर दिया गया. चीन फिर भारत के जाल में फंस गया. 14 दिसंबर को चीन का पांचवां जहाज 'Da Yang Yi Ha' भी हिंद महासागर में आ गया. लेकिन भारत ने 16 दिसंबर को इस नोटिस को भी रद्द कर दिया. दो दिन बाद, 22-24 दिसंबर के लिए एक और नया नोटिस जारी किया गया. इस बार यह नोटिस 3,240 किलोमीटर का है.

भारत की क्या है रणनीति?

भारत बार-बार आखिरी वक्त पर ऐसे नोटिस बहुत कम कैंसिल करता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की यह रणनीति हो सकती है. ताकि यह देखा जा सके कि चीनी जहाज कितनी जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं और कैसे काम करते हैं.

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2022 में भी हुआ था ऐसा

साल 2022 में, जब भारत ने 10-11 नवंबर को एक टेस्ट के लिए नोटम जारी किया. इसके बाद चीनी नौसेना ने अपना रिसर्च जहाज 'Yuan Wang 06' हिंद महासागर में भेज दिया था. तब भी भारत ने आखिरी समय में परीक्षण रद्द कर दिया था.


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