भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को बड़ी राहत दी है। गृह मंत्रालय ने नया आदेश जारी कर कहा है कि अब पाकिस्तान के नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत से पाकिस्तान लौट सकते हैं। इससे पहले 30 अप्रैल को सीमा बंद करने का आदेश था, जिसे अब बदल दिया गया है। लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक अपने बॉर्डर के गेट नहीं खोले हैं, जिस वजह से कई पाकिस्तानी नागरिक अब भी सीमा पर फंसे हुए हैं।
अब तक सैकड़ों पाकिस्तानी लौटे
यह आदेश उस समय आया है जब 30 अप्रैल की समयसीमा के बाद कई पाकिस्तानी नागरिक भारत में ही फंसे हुए थे। गृह मंत्रालय के अनुसार अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से पाकिस्तानी नागरिकों को "अगले आदेश तक" वापसी की अनुमति दी गई है, बशर्ते कि वे सभी जरूरी कागज और मंजूरी रखें। बीते छह दिनों में 786 पाकिस्तानी नागरिक भारत से पाकिस्तान जा चुके हैं, जिनमें 55 राजनयिक और उनके सहायक स्टाफ भी शामिल हैं। इसी दौरान 1,465 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत लौटे हैं।
पाहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया बड़ा फैसला
यह पूरा मामला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें पाकिस्तान से आए आतंकियों ने 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी नागरिक को गोली मार दी थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि पाकिस्तान से आए नागरिक तय तारीख के बाद भारत में न रहें। शॉर्ट-टर्म और सार्क वीजा वालों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने को कहा गया, जबकि मेडिकल वीजा वालों के लिए समयसीमा 29 अप्रैल थी।
कई महिलाएं 30 साल से रह रही थीं भारत में
इस फैसले से कई परिवारों को झटका लगा है। कई पाकिस्तानी महिलाएं, जो 30–40 साल पहले भारत आई थीं और भारतीय पुरुषों से शादी कर यहां बस गई थीं, अब वापसी के लिए मजबूर हैं। इससे मां-बच्चों और पतियों-पत्नियों के बीच जुदाई हो रही है। पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से अपील की है कि जो पाकिस्तानी नागरिक भारत में शादी कर यहां का हिस्सा बन चुके हैं, उन्हें वापस भेजना मानवता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मानवीय चिंता का विषय है और सरकार को इस पर फिर से विचार करना चाहिए।