INDIA Alliance Meet Mallikarjun Kharge PM Face: इंडिया अलायंस गठबंधन की चौथी बैठक 19 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में चुनाव सुधार समेत कई प्रस्ताव पास हुए। हालांकि मीटिंग के मुख्य मुद्दों का समाधान अभी तक नहीं निकल पाया है। मीटिंग में सीटों के बंटवारे, पीएम फेस और संयोजक के पद को लेकर कोई निर्णय होना था लेकिन इस पर भी सिर्फ चर्चा ही हो पाई।
हालांकि इस दौरान उठे कुछ प्रस्तावों ने जरूर सियासी सरगर्मियां तेज कर दी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम पद को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम सामने रखा। हालांकि खड़गे ने उसी समय प्रस्ताव खारिज कर दिया और राहुल-सोनिया की ओर इशारा कर दिया। उनके कहने का तात्पर्य यह था कि पीएम फेस को लेकर सोनिया-राहुल ही निर्णय करेंगे। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी कुछ ऐसा ही कहा। उन्होंने कहा कि गठबंधन को चेहरा अगर कोई दलित हो तो चुनाव काफी रोचक हो सकते हैं।
---विज्ञापन---
---विज्ञापन---
चुनाव जीतने के बाद पीएम के बारे में बात होगी
एएनआई की माने तो इस प्रस्ताव पर किसी भी नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मीटिंग समाप्त होने के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि इंडिया गठबंधन का मुख्य फोकस चुनाव जीतना है। अभी पीएम के चेहरे पर बात करने का कोई मतलब नहीं हैं पहले हम सभी को जीत दर्ज करनी है। इसके लिए क्या प्रयास हो सकते हैं। हमें सबसे पहले पीएम बनाने लायक सांसद लाने होंगे। इसके बाद पीएम के बारे में बात होगी।
खड़गे के पीएम फेस में ये रुकावटें
सूत्रों की माने तो खड़गे के मना करने के पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहली सोनिया-राहुल की दावेदारी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा समेत अनेक स्टेप्स उठाकर अपने आपको फूल टाइम पाॅलिटिशियन साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि भाजपा ने जनता के बीच उनकी जो छवि बनाई है उसको कुछ हद तक कम किया जा सकें। ताकि जनता को यह विश्वास दिलाया जा सके कि राहुल गांधी में काफी बदलाव आ चुका है। वहीं सोनिया-राहुल के होते हुए कोई अन्य नेता उनके नाम की दावेदारी नहीं कर सकता। क्योंकि अगर कांग्रेस चुनाव में मनमाफिक सीटें हासिल करती है तो यह तो तय है कि पीएम कांग्रेस का होगा लेकिन कौन होगा ये सोनिया-राहुल तय करेंगे।
नीतीश की हसरतें कुछ और
वहीं दूसरी ओर पीएम फेस के खड़गे की दावेदारी को जेडीयू और राजद का साथ भी नहीं मिला। क्योंकि बिहार के दोनों क्षत्रप चाहते हैं कि इस बार पीएम का फेस बिहार से हो। ऐसे में नीतीश कुमार अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। हालांकि वे कई दफा इस पद के लिए मना कर चुके हैं। मीटिंग में लिए गए प्रस्तावों से भी नीतीश कुमार नाराज दिखे और प्रेस वार्ता किए बिना ही निकल गए। अगली बैठक कब होगी इसको लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है इस महीने के आखिर तक एक और बैठक आयोजित हो सकती है।
सोनिया गांधी से दक्षिण से लड़ सकती है चुनाव
उधर खबरें यह भी है कि गांधी परिवार को यूपी की सत्ता में अब इतना मोह नहीं रहा। क्योंकि पार्टी को वहां नाम मात्र की सीटें मिलती है। ऐसे में खबर है कि सोनिया गांधी इस बार तेलंगाना या कर्नाटक से चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि पार्टी की ओर से अभी यह क्लियर नहीं किया गया है लेकिन ऐसा होता है तो पार्टी को दक्षिण में ज्यादा सीटें मिल सकती है। दक्षिण के दो राज्यों में उनकी सरकार भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह इस बार दक्षिण से दावेदारी कर सकती है।
(Xanax)