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हिमाचल में दो सप्ताह में 72 लोगों की मौत, उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट; आखिर आसमान से क्यों बरस रही आफत?

Monsoon Updates: उत्तर भारत में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश प्रभावित हुआ है। राज्य में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में पिछले दो सप्ताह में 72 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में अधिक […]

Monsoon Updates: उत्तर भारत में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश प्रभावित हुआ है। राज्य में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में पिछले दो सप्ताह में 72 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है। सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियान बढ़ाने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड से प्रभावित राज्यों की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। कस्बों, शहरों में सड़क से लेकर घरों तक में पानी दिख रहा है तो वहीं पहाड़ी इलाकों में घर और पुल ढहने, लैंडस्लाइड, पहाड़ दरकने, बादल फटने की खबरें आ रही हैं।

आखिर आसमान से क्यों बरस रही आफत?

मौसम कार्यालय की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं के बीच संपर्क के कारण हिमाचल और उत्तराखंड समेत उत्तर पश्चिम भारत में तेज बारिश हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, IMD के चीफ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मानसून से पश्चिमी विक्षोभ के टकराने के कारण तेज बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि ऐसा होने पर पहाड़ी क्षेत्रों जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में ज्यादा या फिर तेज बारिश होती है। महापात्र ने बताया कि उत्तर भारत में दो वेदर कंडीशन बनी है। पहला- मानसून है, जबकि दूसरा- पश्चिमी विक्षोभ है। दोनों ही कंडीशन पहाड़ के लिए बिलकुल ठीक नहीं है। महापात्र ने बताया कि जब हवा पहाड़ी से टकराकर ऊपर उठती है तो जोरदार बारिश होती है। उन्होंने बताया कि दो वेदर कंडीशन की वजह से ही 2013 में केदारनाथ में बादल फटा था और भयंकर तबाही आई थी।

हिमाचल, उत्तराखंड की स्थिति पर पीएमओ की नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की है। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से दोनों राज्यों को मदद का आश्वासन दिया है। पीएमओ ने एक ट्वीट में कहा, "वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से बात की और भारत के कुछ हिस्सों में अत्यधिक बारिश के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं।"

हिमाचल में दो सप्ताह में 72 मौतें

उत्तर भारत में सबसे अधिक प्रभावित हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा है कि 24 जून से 9 जुलाई के बीच पिछले दो हफ्तों में राज्य में मरने वालों की संख्या 72 हो गई है, जबकि 8 लोग लापता हैं और 92 घायल हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन की 39 घटनाएं दर्ज की गई हैं, साथ ही 1 बादल फटने और 29 बाढ़ की घटनाएं भी हुईं। पिछले दो सप्ताह में राज्य को 785.51 करोड़ रुपये का मौद्रिक नुकसान दर्ज किया गया है। शिमला में सतलुज नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। रावी, ब्यास, सतलुज, स्वान और चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। राज्य में अगले 24 घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और सभी स्कूल-कॉलेज दो दिनों तक बंद रहेंगे।

केजरीवाल बोले- दिल्ली में बाढ़ की संभावना नहीं

लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश के कारण दिल्ली में यमुना का जल स्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया। मंगलवार दोपहर तक अनुमान से पहले ही यमुना खतरे के निशान को पार कर गयी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को शहर में बारिश के कारण हुए जलभराव और यमुना के बढ़ते जल स्तर पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ की संभावना नहीं है। बैठक में केजरीवाल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कुल 16 कंट्रोल रूम सक्रिय हैं। इस बीच, बारिश से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा और कई इलाकों में जलजमाव के कारण यातायात जाम हो गया। प्रगति मैदान सुरंग पर जलभराव के कारण भीड़भाड़ होने के कारण आज इसे यातायात के लिए बंद कर दिया गया।

उत्तराखंड के सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट

उत्तराखंड में गंगा समेत सभी प्रमुख नदियों में जल स्तर बढ़ने के कारण सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगले दो दिनों में और बारिश होने की संभावना है। राज्य भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 9 लोगों की मौत हुई है। बता दें कि रविवार को ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गूलर के पास भूस्खलन के बीच उनकी जीप नदी में गिरने से तीन तीर्थयात्री गंगा में डूब गए।

हरियाणा, पंजाब में सड़कों पर जलजमाव, घरों में भी घुसा पानी

पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में भारी मानसूनी बारिश के कारण निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर जलभराव की खबरें हैं। हरियाणा में सोमवार को पांच मौतों की सूचना मिली। पांच में से तीन मौतें पिंजौर में हुई हैं, जबकि अन्य दो मौतें करनाल में हुईं। दोनों घटनाओं में मौतें अत्यधिक बारिश के बीच मकान ढहने से हुईं। पंजाब में राजपुरा शहर में सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर में दरार आने के बाद पानी ओवरफ्लो होने के बाद पटियाला प्रशासन ने सेना की सहायता मांगी थी। इसके अलावा, जिले के एक निजी विश्वविद्यालय के लगभग 800 छात्रों को सेना की सहायता से सफलतापूर्वक बचाया गया। पंजाब सरकार ने मंत्रियों, उपायुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया है।


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