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‘आप भक्त हैं तो भगवान विष्णु से जाकर कहिए…’, आखिर CJI ने क्यों की यह टिप्पणी?

Supreme Court News: खजुराहो के मंदिरों में एक मंदिर भगवान विष्णु का भी मंदिर है जिसे जावरी मंदिर के नाम से जानते है. उसमें भगवान विष्णु की 7 फुट ऊँची प्रतिमा खंडित अवस्था में है. सरकारों ने ध्यान नहीं दिया, किसी और ने नहीं सुना तो भगवान के भक्त राकेश दलाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पढ़े प्रभाकर मिश्रा की रिपोर्ट

Supreme Court News: खजुराहो के मंदिरों में एक मंदिर भगवान विष्णु का भी मंदिर है जिसे जावरी मंदिर के नाम से जानते है. उसमें भगवान विष्णु की 7 फुट ऊंची प्रतिमा खंडित अवस्था में है. सरकारों ने ध्यान नहीं दिया, किसी और ने नहीं सुना तो भगवान के भक्त राकेश दलाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

भक्त ने देश की अदालत से गुहार लगाई

माई लॉर्ड्स, आप ही कुछ कीजिए. इस मुद्दे पर बहुत विरोध प्रदर्शन हुआ, संबंधित विभागों को ज्ञापन दिया गया, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया. यह मूर्ति मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित की गई थी और सरकार से कई बार अनुरोध करने के बावजूद आज तक उसकी मरम्मत नहीं की गई. आजादी के बाद की निष्क्रियता के चलते 77 साल बाद भी मूर्ति खंडित अवस्था में ही है.

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भक्त पूजा नहीं कर पा रहे

माई लॉर्ड्स, भगवान की मूर्ति खंडित होने से भक्त पूजा नहीं कर पा रहे है. आप भक्तों के पूजा के अधिकार की रक्षा कीजिए, अब आपसे ही उम्मीद है. ऐसे में उम्मीद को मत तोड़िए.

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इंकार किया

कोर्ट को जब लगता है कि याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है या मामला अदालत के क्षेत्राधिकार से बाहर का है तो कोर्ट सुनवाई से इंकार कर सकता है. हालांकि, कोई भी मामला अदालत के क्षेत्राधिकार से बाहर का नहीं होता है. कई बार जिस मामले को माई लॉर्ड्स नहीं सुनना चाहते, ऐसा बोलकर सुनने से मना कर देते है. चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह कहते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया कि यह विषय अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है.

सीजेआई गवई ने की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अब तो आप स्वयं भगवान से ही प्रार्थना कीजिए. आप कहते हैं कि आप भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हैं, तो उन्हीं से प्रार्थना कीजिए.

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