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जानें कौन हैं रघुनंदन कामथ जो कुल्फी बेचते-बेचते बने करोड़पति, 300 करोड़ का करोबार, दुनिया कहती है आइसक्रीम मैन?

गरीबी से अमीरी तक का सफर तय करने वाले नेचुरल्स आइसक्रीम के संस्थापक रघुनंदन श्रीनिवास कामथ नाम के एक शख्स की चर्चाएं इस वक्त जोरों पर हैं, जिन्होंने पिता से बिजनेस की कला सीख कर चंद सालों में 300 करोड़ का व्यापार खड़ा कर लिया।

IceCream Man Raghunandan Kamath Struggle story: आज के वक्त में भारत के भीतर ऐसे कई ऐसे व्यापारी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और संघर्ष के जरिए गरीबी से करोड़पति बनने तक का सफर तय किया है। उनके इस सफर से जुड़ी कहानियां आज भी अपने खुद के व्यापार की शुरूआत करने की इच्छा रखने वाले लोंगों के लिए प्रेरणा के रूप में काम करती है। गरीबी से अमीरी तक का सफर तय करने वाले नेचुरल्स आइसक्रीम के संस्थापक रघुनंदन श्रीनिवास कामथ नाम के एक शख्स की चर्चाएं इस वक्त जोरों पर हैं। आइये! आपको बताते हैं कि रघुनंदन श्रीनिवास ने अपनी मेहनत से कैसे आज व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया है।

पिता के काम से सीखी इस व्यवसाय से जुड़ी कला

कर्नाटक के मुल्की में जन्में रघुनंदन कामथ का जन्म 1954 में हुआ था और वे अपने सात भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। गरीबी के हालातों में पैदा हुए रघुनंदन का पालन-पोषण उनके पैतृक गांव में बहुत अच्छे तरीके से हुआ। वहीं, रघुनंदन के पिता एक फल विक्रेता थे, जो दिन रात मेहनत करके बड़ी मुश्किल से अपनी पत्नी के साथ रघुनंदन समेत सात बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए काम चलाऊ पैसा कमा पाते थे। कर्नाटक के मैंगलोर स्थित एक छोटे से गाँव में रघुनंदन कामथ ने अपने शुरूआती दिनों में अपने पिता की मदद करते हुए वक्त बिताया और इसी दौरान उन्होंने पके फलों को चुनने, तोड़ने, छांटने के साथ संरक्षित करने की कला भी सीख ली। कौन जानता था कि आने वाले वक्त में यही कला उनके काम आने वाली है।

मुंबई में रखी नेचुरल आइसक्रीम की नींव

पिता के फल विक्रेता विक्रेता रहने के दौरान रघुनंदन ने बहुत कुछ सीख लिया, जिसके बाद वे अपने पिता के बिजनेस में दे रहे सहयोग को छोड़ने का फैसला लेते हुए 14 फरवरी 1984 को मैंगलोर से मुंबई के लिए रवाना हो गए और अपनी जिंदगी को एक नया मोड़ दिया। मुंबई आकर रघुनंदन श्रीनिवास कामथ ने केवल चार कर्मचारियों को साथ लेकर 10 प्रकार की आइसक्रीम के साथ नेचुरल आइसक्रीम की नीव रखी। लिहाजा, उन्होंने अपना पहला व्यवसाय मुंबई के जुहू में स्थापित किया।

लोगों को आकर्षित करने के लिए आइस्क्रीम के साथ बेची पाव-भाजी

नेचुरल आइसक्रीम की स्थापना के दौरान कामथ को इस बात का बिल्कुल यकीन नहीं था कि लोग उसकी ओरिजनल आइसक्रीम का स्वाद लेने आएंगे। इसके बाद उन्होंने लोगों को आकर्षित करने के लिए साइड डिश के रूप में अपनी आइसक्रीम को और मेन कोर्स के रूप में पाव भाजी बेचकर अपने बिजनेस की शुरू की। इसी दौरान उन्होंने 12 स्वाद वाली आइसक्रीम की शुरूआत की। देखते ही देखते रघुनंदन श्रीनिवास कामथ की ओर से की गई ये शुरूआत पूरे आइसक्रीम पार्लर के रूप में तैयार हो गई।

भारत के 10 टॉप ब्रांडों में मिला स्थान

रघुनंदन श्रीनिवास कामथ का ये व्यवसाय धीरे धीरे बढ़ता चला गया और इनकी ओर से आइसक्रीम के जरिए दिए जा रहे स्वाद को भी लोग काफी पसंद कर रहे थे। इसी के परिणाम स्वरूप आज इस ब्रांड के देशभर के अलग अलग शहरों में 135 आउटलेट्स हैं। आपको बता दें कि साल 2020 में नेचुरल आइसक्रीम ने 300 करोड़ रुपये का खुदरा कारोबार दर्ज किया था। केपीएमजी सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी के अनुसार, उपभोक्ता संतुष्टि के मामले में इसे भारत के 10 टॉप ब्रांडों में स्थान दिया गया है।


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