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Pilatus PC-7 MK II : देश में पहली बार हुआ Crash, पर अमेरिका में ले चुका 5 की जान; जानें इसकी खासियतें और अचीवमेंट्स

IAF Trainer Aircraft Pilatus PC-7 MK II Interesting Facts : सोमवार को तेलंगाना में हादसे का शिकार हुआ पिलाटस पीसी 7 एमके II विमान एक एकल इंजन वाला विमान है, जिसे दुनिया की ज्यादातर वायुसेनाएं ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करती हैं।

IAF Trainer Aircraft Pilatus PC-7 MK II Crash, नई दिल्ली/हैदराबाद: तेलंगाना के मेडक जिले में स्थित डिंडीगुल में  सोमवार को भारतीय वायुसेना के एक एक ट्रेनर एयरक्राफ्ट क्रैश हो जाने से दो पायलटों की जान चली गई। इनमें एक इंस्ट्रक्टर था तो दूसरा कैडेट। पिलाटस पीसी7 एमके 2 नामक यह विमान उसी कैटेगरी से था, जिसके नाम देश के ढाई हजार से ज्यादा वायुसैनिकों, नौसैनिकों और कोस्ट गार्ड्स को फ्लाइंग में परफेक्ट बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। हालांकि देश में इस कैटेगरी के विमान के हादसे की यह पहली घटना है, लेकिन इससे पहले अमेरिका में इसी साल हादसे का शिकार हो गया इस कैटेगरी का एक विमान 5 लोगों की जान ले चुका है।

विमान के साथ जुड़ा रोचक इतिहास

पिलाटस पीसी 7 एमके II विमान एक एकल इंजन वाला विमान है। इसका निर्माण स्विटजरलैंड में पिलाटस एयरक्राफ्ट के द्वारा किया जाता है। एक प्रोटोटाइप PC-7 के रूप में 12 अप्रैल 1966 को इसकी पहली उड़ान सफल हुई तो फिर 18 अगस्त 1978 को इसका बड़े स्तर पर निर्माण शुरू हो गया। 28 सितंबर 1992 को Pilatus PC-7 MK II M लॉन्च हुआ। इसके बाद से अब तक मैक्सिको, भारत, दक्षिण अफ्रीका, रॉयल मलेशिया की एयरफोर्स, बोत्सवाना रक्षा बल (BDF) और रॉयल ब्रुनेई वायु सेना आदि वायुसैनिकों के प्रशिक्षण के लिए इसके इस्तेमाल पर भरोसा कर रही हैं। भारतीय वायुसेना के पायलटों के बुनियादी प्रशिक्षण के अहम पिलाटस एयरक्राफ्ट द्वारा निर्मित टर्बोप्रॉप ट्रेनर विमान की लंबाई 10.8 मीटर, पंखों का फैलाव 10.19 मीटर और ऊंचाई 3.26 मीटर है। पीसी-7 एमके II अधिकतम 33,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है और समुद्र तल पर इसकी क्षैतिज क्रूज गति 448 किमी प्रति घंटा है। विमान की अधिकतम परिचालन गति 556 किमी प्रति घंटा है, जबकि विमान की अधिकतम सीमा 1,500 किलोमीटर है। अब तक निर्माता एजेंसी 160 से अधिक पीसी-7 एमके II ट्रेनर विमान बेच चुकी है। साथ ही यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका और एशिया की 21 वायु सेनाओं से 600 से अधिक ऑर्डर मिले हैं।

IAF में PC-7 MK II जेट क्यों किया जाता है इस्तेमाल?

पिलाटस विमान पीसी-7 एमके II प्रशिक्षण प्रणाली के शामिल होने से भारतीय वायुसेना को अपनी बुनियादी पायलट प्रशिक्षण क्षमता में क्रांति लाने में मदद मिली है। रूकी आईएएफ पायलटों को सुपरसोनिक लड़ाकू जेट उड़ाने से पहले तीन चरणों के प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है, जिसमें स्विस मूल के पिलाटस पीसी -7 एमके II विमान, किरण प्रशिक्षक और अंत में ब्रिटिश मूल के हॉक उन्नत जेट प्रशिक्षक शामिल होते हैं। Explainer में पढ़ें: क्यों कांग्रेस के लिए 30 साल में दूसरा तगड़ा झटका है राजस्थान की हार? सरकार गई तो गई वोट मार्जिन भी घटा

PC-7 MK II की दुर्घटनाओं पर एक नजर

फरवरी 2013 में पहली डिलीवरी के बाद से इस कैटेगरी के बेड़े में 75 पीसी-7 एमके II विमान हैं। उड़ान के 2 लाख दुर्घटनारहित घंटों का एक बड़ा रिकॉर्ड भी इस जहाज के नाम है। हालांकि भारत नौसिखिया पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए पीसी-7 एमके II बेड़े को स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर एयरक्राफ्ट -40 (एचटीटी-40) से बदलने की उम्मीद कर रहा है। तेलंगाना के मेडक जिले में हुई दुर्घटना को भारत में विमान से जुड़ी पहली दुर्घटना माना जाता है, लेकिन बेड़े ने विदेशों में दुर्घटनाओं की सूचना दी है। बताया जा रहा है कि फरवरी 2023 में अमेरिका के नेवादा में शीतकालीन तूफान के दौरान PC-7Mk II विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसे चिकित्सा परिवहन विमान के रूप में किया जा रहा था। रेनो से लगभग 64 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में जमीन से टकराने से पहले सिंगल-इंजन पिलाटस PC12 स्पष्ट रूप से टूट गया। उस हादसे में विमान में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई थी। यह भी पढ़ें: शादाब खान को लगी चोट तो कंधे पर लेकर भागा खिलाड़ी, पीसीबी के पास स्ट्रेचर तक के नहीं है पैसे? वायरल हुआ वीडियो


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