Heat Waves Trend Affected Western Disturbances: गर्मी का सीजन, मई का महीना, तपती लू और चिलचिलाती गर्मी ने जहां लोगों का हाल बेहाल किया हुआ है, वहीं सुबह शाम ठंडी हवाओं ने मौसम खुशनुमा बनाया हुआ है। अप्रैल महीने में भी कई दिन मैदानों में बारिश, पहाड़ों पर बर्फबारी हुई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मई महीने में भी दिल्ली-NCR समेत देश के कई राज्यों में बारिश और बर्फबारी होने की भविष्यवाणी की हुई है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) एक्टिव होने का अलर्ट है, लेकिन आखिर ऐसा क्यों? क्या Heat Waves का ट्रेंड बदला है, जो पश्चिमी विक्षोभ पर प्रभाव डालती हैं, जिस कारण वे अप्रैल-मई महीने में भी एक्टिव हो रहे हैं, आइए विस्तार से बात करते हैं...
समुद्र की नमी से भरी हवाएं रहीं बेअसर
मौसम विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल महीने में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में हीट वेव्स नहीं चलीं। दिल्ली-NCR में दिन में भीषण गर्मी पड़ी, लेकिन सुबह-शाम ठंडी हवाएं चलती हैं। अप्रैल महीने में करीब 5 बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हुआ, लेकिन उसकी स्पीड काफी धीमी रही। इसी कारण अप्रैल महीने में भी पहाड़ी राज्यों में बर्फ गिरी, मैदानी राज्यों में बादल बरसे। समुद्र तटीय राज्यों में एंट्री साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना रहा, इससे समुद्र से उठने वाली नमी से भरी हवाएं असर नहीं दिखा पाईं। नतीजा यह हुआ कि बिहार, ओडिशा, पश्चिमी बंगाल और झारखंड समेत पूर्व राज्यों में रात का तापमान ने भीषण गर्मी का अहसास कराया।