रॉबर्ट वाड्रा ने गुरुग्राम जमीन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच पर सवाल उठाए हैं। वाड्रा ने कहा कि अब केस में कुछ भी नहीं बचा है। मंगलवार को ईडी ऑफिस में पेशी के दौरान वाड्रा ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ बदले की भावना से उनके खिलाफ जांच करवाई जा रही है। उनको उम्मीद है कि जांच को लेकर जल्द निष्कर्ष निकल जाएगा। वे लोगों और अल्पसंख्यकों के हितों की बात करते हैं। वे जब भी सरकार की नाकामियों को उजागर करते हैं, राजनीति में आने के बारे में अपनी सोच व्यक्त करते हैं तो जांच एजेंसियों को दुरुपयोग उनके खिलाफ किया जाता है।
दूसरी बार जारी हुआ समन
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अब केस में कुछ भी नहीं है, क्या कुछ खोजने के लिए 20 साल का समय लग जाएगा। 15 बार वे जांच का सामना कर चुके हैं, उनको 10-10 घंटे बैठाया जाता है। 23 हजार डॉक्यूमेंट्स दिए गए हैं, अब फिर कहा जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर 23 हजार दस्तावेज दोबारा दो। ऐसा थोड़े ही होता है। बता दें कि मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा अपने आवास से पैदल ही चलकर ईडी के दफ्तर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक वाड्रा को मामले में जारी किया गया यह दूसरा समन है। इससे पहले 8 अप्रैल को उनको समन जारी किया गया था।
8 अप्रैल को नहीं हुए थे पेश
बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति हैं। वाड्रा पहले समन पर नहीं आए थे। इसके बाद पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने दूसरा समन जारी किया था। मामला 2018 का है, जो गुरुग्राम में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और DLF के बीच साढ़े 3 एकड़ जमीन के ट्रांसफर से जुड़ा है। मामले में धोखाधड़ी और नियमों का उल्लंघन किए जाने के आरोप हैं। अक्टूबर 2011 में दिल्ली के पूर्व सीएम रहे अरविंद केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप लगाए थे। केजरीवाल ने कहा था कि DLF लिमिटेड से 65 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज और जमीन पर मोटी रकम राजनीतिक फेवर के बदले ली गई थी।
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