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Good News From Uttarkashi : 11 दिन से फंसे कामगारों ने घर वालों को भेजा मैसेज, ‘चिंता मत करो, हम जल्द मिलेंगे’

Good News From Uttarkashi Tunnel Rescue : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित सिल्कयारा टनल में 11 दिन से फंसे 41 मजदूर को बचाने के अभियान के बीच बड़ी राहत वाली खबर आई है। पता चला है कि एक तो यह दूरी बहुत कम हो गई और दूसरी तरफ इन्होंने अपने परिजनों को हौसला रखने की बात कही है।

Good News From Uttarkashi, उत्तरकाशी: 11 दिन से मौत को हर पल मात दे रही 41 जिंदगियाें को सही-सलामत बाहर लाने के लिए एक ओर जहां बाहर से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही, वहीं इन लोगों ने भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। बुधवा शाम को खुबर आई है कि जल्द ही जिंदगी फिर हंस-खेल रही होगी। इन्होंने अपने-अपने घर वालों को मैसेज दिया है कि फिक्र की कोई बात नहीं है। ये जल्द ही आकर मिलेंगे। इसके बाद घर वालों की उम्मीदें भी एक बार फिर जवां हो गई हैं। माना जा रहा है कि प्रार्थना रंग लाएगी। उधर, रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों ने जानकारी साझा की है कि मलबे में 45 मीटर तक चौड़े पाइप डाले जा चुके हैं और अब लगभग 12 मीटर की दूरी बची है।

टनल ढहने से अब तक की स्थिति पर एक नजर

बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित सिल्कयारा टनल में 41 मजदूर 11 दिन से फंसे हुए हैं। 12 नवंबर दिवाली के दिन से फंसे इन मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जद्दोजहद जारी है। 17 नवंबर को चट्टान आने के बाद ड्रिलिंग रोकनी पड़ी थी। टनल के प्रवेश द्वार से एक बार फिर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है। अभी तक 45 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। इसी के साथ प्रार्थनाओं का दौर भी लगातार जारी है। सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी में रेत की एक मूर्ति बनाकर अंदर इन मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। इससे पहले मंगलवार को 10 दिन बाद पहली बार मजदूरों को खाना पहुंचाया गया। इसके साथ ही टनल में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीर देश के सामने आई। टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित देख उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली है, हालांकि बाहर आने के इंतजार में टनल के बाहर डेरा जमाकर बैठे हैं। यह भी पढ़ें: कनाडाई नागरिकों के लिए भारत सरकार ने बहाल की E-Visa सेवाएं, G-20 बैठक से पहले बड़ा फैसला

तीन बच्चे कर रहे पापा का इंतजार

इनमें से झारखंड के गिरिडीह निवासी इंद्रजीत ने बड़े भाई विश्वजीत और रिश्तेदार सुबोध कुमार का नाम लेते हुए कहा, 'उन्होंने मुझे चिंता न करने के लिए कहा है कि हम जल्द ही बाहर मिलेंगे। विश्वजीत के तीन बच्चे उसके लौटने का इंतजार कर रहे हैं और उसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हालांकि दिवाली पर मैंने उसे फोन किया तो संपर्क नहीं हो सका था। एक सहकर्मी ने सुरंग में फंसे होने की जानकारी दी थी। मंगलवार को बचाव दल द्वारा जारी एक वीडियो में उन्होंने विश्वजीत और सुबोध को देखा। दोनों ठीक हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ और घंटों की बात है'। यह भी पढ़ें: आवेश खान से लेकर देवदत्त पडिक्कल तक ये खिलाड़ी हुए रिप्लेश..अब इन टीमों मे दिखेंगे गेम चेंजर

बिक्रम बोले-मेरा भाई एक बहादुर आदमी

सुरंग में फंसे बिहार के सोनू शाह के साले देवाशीष बताया, 'आज हमें सुरंग के अंदर ले जाया गया और हमने अपने परिवार के सदस्यों से बात की। सोनू ने मुझसे कहा कि अब चिंता न करें और हम जल्द ही मिलेंगे'। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के बिक्रम सिंह भी अपने 24 वर्षीय भाई पुष्कर सिंह के बाहर आने इंतजार कर रहे हैं। बुधवार को बिक्रम ने कहा, 'आज भाई की आवाज सुनकर मुझे थोड़ी राहत महसूस हुई। मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही उनसे मिलूंगा। मेरा भाई एक बहादुर आदमी है। उसने मुझे खुश रहने के लिए कहा और मुझे यकीन है कि वह अंदर से दूसरों को प्रेरित कर रहा होगा'।


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