Atiq-Ashraf Murder: अतीक-अशरफ की कैमरे के सामने गोली मारकर हत्या, धारा 144 लागू, CM ने दिए जांच के आदेश
Gangster Atiq Ahmad And Ashraf
Atiq-Ashraf Murder: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये वारदात मेडिकल कॉलेज में चेकअप के लिए ले जाते समय हुई है। दोनों 17 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर थे। हमले के वक्त दोनों के हाथ हथकड़ी से बंधे हुए थे और वे मीडिया से बात कर रहे थे। पुलिस ने तीन संदिग्धों को पकड़ा है।
बताया जा रहा है कि हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उनके हाथ में माइक और कैमरा भी था। जैसे ही अतीक ने अपनी बात शुरू की, तभी हमलावर ने दोनों के सिर में गोलियां दाग दीं। यह देखते ही सभी सन्न रह गए। भागते समय हमलावर अपने असलहे भी फेंककर गए। यह पूरी वारदात सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में की गई है।
फिलहाल पकड़े गए हमलावरों को पुलिस किसी अज्ञात स्थान पर ले गई है। उनसे पूछताछ की जा रही है कि आखिर दोनों माफिया भाइयों के हत्याकांड के पीछे कौन है? उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद को साबरमती जेल और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था।
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- मुख्यमंत्री ने मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (न्यायिक जांच आयोग) के गठन के भी निर्देश दिए। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।
- प्रयागराज में धारा 144 लागू कर दी गई है। जिले की सीमा को सील कर दिया गया है। इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने हमलावरों की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- लखनऊ के हुसैनाबाद में पुलिस गश्त कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने जवानों के साथ मार्च निकाला है। अफवाह फैलाने वाले और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई।
- सीएम योगी ने प्रदेश के सभी जोन, कमिश्नरेट और जिलों को अलर्ट किया है। पर्याप्त पुलिस बल को तैनात करने का आदेश दिया है।
- सीएम ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और कार्यवाहक डीजीपी को प्रयागराज जाने का निर्देश दिया है।
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा, स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को तलब किया है। हाईलेवल मीटिंग चल रही है।
- घटनास्थल से पॉइंट ब्लैंक रेंज की तीन पिस्टल, कारतूस और डमी कैमरा बरामद किया गया है। फॉरेंसिक टीम ने सबूत जुटाए हैं। तीन बाइक बरामद हुई हैं।
- सूत्रों का कहना है कि कोर्ट से कस्टडी में मिलते ही अतीक और अशरफ को मारने का प्लान बनाया गया। मीडिया चैनल की तरह एक नया माइक अरेंज किया गया।
- तीन संदिग्धों को पुलिस ने पकड़ा है। हमलावरों ने गोली मारने के बाद हाथ उठाकर आत्मसमर्पण किया। इसके बाद लगाए जय श्री राम के नारे लगाए।
- आरोप है कि संदिग्ध मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उन्होंने एक ट्रेंड शूटर की तरह वारदात को अंजाम दिया। किसी अन्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
- भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हुई है, ये निराशाजनक है। ये क्यों और कैसे हुआ ये जांच का विषय है।
- एएनआई का एक पत्रकार गिरने से घायल हुआ है। वहीं एक होमगार्ड को छर्रे लगे हैं। दोनों का इलाज चल रहा है।
- नहीं ले गए तो नहीं गए (वे हमें नहीं ले गए, इसलिए हम नहीं गए) अतीक अहमद के आखिरी शब्द थे। उससे बेटे असद के अंतिम संस्कार को लेकर सवाल पूछा गया था।
- मैं बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम.... (बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम...) अशरफ के आखिरी शब्द थे।
नोट- तस्वीरें आपको विचलित कर सकती हैं, देखिए हत्याकांड का वीडियो...
[caption id="attachment_210523" align="alignnone" ] आरोपियों ने हमले के बाद मौके पर जय श्रीराम के नारे लगाए।[/caption]
दो दिन पहले बेटा असद झांसी में मारा गया
इससे पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स ने अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को झांसी में एनकाउंटर कर दिया था। दोनों उमेश पाल मर्डर के बाद से फरार चल रहे थे। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था।
अतीक को बेटे के एनकाउंटर की खबर उस वक्त मिली थी, जब वह कोर्ट में पेशी पर था। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ फूट-फूटकर रोने लगे थे।
शनिवार को असद को प्रयागराज के ‘कसारी-मसारी कब्रिस्तान’ में दफनाया गया। असद के जनाजे में उसके परिवार के करीबी लोग शामिल हुए।
बेटे को नसीब नहीं हुई थी पिता के हाथों मिट्टी
प्रयागराज ACP आकाश कुलहरि ने बताया कि असद के परिवार के 20-25 लोग यहां आए थे। असद के नाना उसके जनाजे में शामिल हुए। उन्होंने ही असद को दफनाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया। उधर, अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने बताया कि कोर्ट के समय के पहले असद को दफना दिया गया, इसलिए कोर्ट में अर्ज़ी नहीं लग सकी।
अतीक के वकील ने कहा कि हमारी मांग थी कि अतीक अहमद को असद के ज़नाजे में शामिल किया जाए। शाइस्ता परवीन यहां मौजूद नहीं थीं। शासन प्रशासन ने अंतिम प्रक्रिया कराने में सहयोग किया और किसी को एतराज नहीं था।
अपहरण केस में अतीक को हो चुकी थी उम्रकैद
28 मार्च को भी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को उमेश पाल के अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया था, क्योंकि उन्हें अपहरण मामले में सजा सुनाई जानी थी। कोर्ट ने अतीक अहमद समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि उसके भाई अशरफ समेत सात लोगों को बरी किया गया था। अतीक अहमद और अशरफ 2005 में हुए राजू पाल हत्याकांड और 24 फरवरी को हुए गवाह उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी थे।
मंत्री सुरेश खन्ना ने दिया विवादित बयान
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब जुल्म की इंतहा होती है तो कुछ फैसले आसमान से होते हैं। सरकार ने इस बात की हर तरह से कोशिश की कि कानून व्यवस्था को बनाए रखे। योगी सरकार ने अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का नारा दिया था, सरकार उसपर कायम है।
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घिरी योगी सरकार
ओवैसी बोले- जिस समाज के हत्यारे हीरो होते हैं...
एआईएमआईएम के चीफ कहा कि अतीक और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे। उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं। जय श्रीराम के नारे भी लगाये गये। दोनों की हत्या योगी के कानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के जिम्मेदार हैं। जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ के सिस्टम का क्या काम?
अखिलेश यादव बोले- आम जनता की सुरक्षा का क्या?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है। अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
जयंत सिंह ने बताया यूपी में जंगलराज
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत सिंह ने कहा कि क्या ये लोकतंत्र में संभव है। उन्होंने जंगलराज शब्द का प्रयोग किया है।
दानिश अली बोले- सरकार को बर्खास्त किया जाए
बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने सीएम योगी के उस बयान का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने मिट्टी में मिलाने वाली बात कही थी। दानिश अली ने कहा सब मिट्टी में मिला दो। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की नृशंस हत्या यूपी में अराजकता की पराकाष्ठा है! यह ऊपर से आगे बढ़े बिना नहीं हो सकता। किसी भी अन्य लोकतंत्र में कानून के शासन के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध के लिए राज्य सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि इससे पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था कैसी है। ये एक बड़ी साजिश है, जांच होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
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