बनी आपसी सहमति
नई दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन कई लिहाज से बेहद सफल रहा। पहली बात यही कि इस बार घोषणा पत्र जारी किया जा सका, जिसमें कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई है। नई दिल्ली घोषणापत्र में सदस्य देश नवाचार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और कम लागत वाले वित्तपोषण तक पहुंच को बढ़ावा देने पर भी सहमत हुए हैं।112 कार्यों को अंतिम रूप दिया
कामों के लिहाज से नई दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन सबसे सफल माना जा रहा है। पिछले वर्ष इंडोनेशिया में हुए कार्यों की तुलना में भारत में अधिक कार्य हुए हैं। इस वर्ष कुल 112 कार्यों को अंतिम रूप दिया गया। इसके साथ ही पिछले साल की तुलना में यह करीब-करीब दोगुना रहा। इस तरह भारत में 112 तो इंडोनेशिया में कुल 50 कार्य का ही समापन हुआ।G20 Summit घोषणा पत्र में किन मुद्दों को दी गई अहमियत, यहां पढ़िये विस्तार से
2017 में हुए थे सिर्फ 22 कार्य
इससे भी पहले इटली में 2021 में आयोजित जी-20 सम्मेलन में कुल 65 कार्य हुए थे। इसमें कुल 29 कार्य हुए थे। वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान वर्ष 2020 में सऊद अरब में आयोजित जी-20 सम्मेलन में कुल 65 कार्य किए गए थे, जबकि 2019 में जापान में आयोजित जी-20 में सिर्फ 29 कार्य ही हुए थे। इसी तरह अर्जेंटीना में 2018 में 33 कार्य और 2017 में जर्मनी में आयोजित जी-20 में सिर्फ 22 कार्य ही किए गए थे।
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यहां पर बता दें कि जब से जी-20 का गठन हुआ है तब से पहली बार भारत की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। अंतराष्ट्रीय स्तर के आंकड़े बयान करते हैं कि यह आयोजन सबसे सफल रहा है।
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