Earthquake: फरवरी के महीने में देशभर के कई राज्यों में भूकंप के झटके आए हैं। आज भी बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसका केंद्र नेपाल बताया जा रहा है, इसकी तीव्रता 5.5 रही। बार-बार भारत में भूकंप आने को लेकर कई सवाल मन में उठने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है, कि भारत में पहले कभी एक साथ इतने भूकंप के झटके नहीं महसूस किए गए हैं। जानिए देश में इस तरह के भूकंप से कितना खतरा हो सकता है? यहां डिटेल में पढ़िए।
भारत में भूकंप
भारत में किन जगह पर कितने भूकंप आ सकते हैं, इसको विशेषज्ञों ने 5 भागों में बांटा है। जिसमें कुल 59 फीसदी हिस्सा ऐसा है, जहां पर भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। इन 5 जोन में सबसे कम, जोन 1 में भूकंप आते हैं। जबकि सबसे ज्यादा जोन 5 में भूकंप का खतरा रहता है।
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जोन 3 मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहर आते हैं। वहीं, खतरनाक जोन 5 में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर, नागालैंड, जम्मू और कश्मीर और अंडमान और निकोबार का नाम शामिल है। वहीं, दिल्ली-NCR को जोन-4 में रखा गया है। देश के कई बड़े शहर और राज्य 3 और 4 जोन में आते हैं, जिसकी वजह से यहां पर भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
दिल्ली में कितना खतरा?
दिल्ली-एनसीआर को जोन 4 में रखा गया है, ऐसे में यहां पर 1,2, और 3 जोन के मुकाबले ज्यादा खतरा है। दिल्ली में भूकंप के खतरे को लेकर भूगर्भशास्त्रियों का कहना है कि यह हिमालय के पास है, जो भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना है। जिसके चलते इन प्लेटों में होने वाली हलचल का असर दिल्ली पर ज्यादा पड़ेगा। रिपोर्ट्स में कहा गया कि दिल्ली में अनुमानित 70 से 80 फीसदी ऐसी इमारते हैं, जिन्हें भूकंप को देखते हुए नहीं बनाया गया है। अगर लगातार ऐसे भूकंप के झटके आते रहे, तो इमारतों को भी नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना है।
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