तृणमूल कांग्रेस से निकाले गए पश्चिम बंगाल के विधायक हुमायूं कबीर आज अपनी नई सियासी पार्टी का ऐलान करेंगे. ऐलान से एक दिन पहले रविवार को कबीर ने सभी 'TMC विरोधी' और 'BJP विरोधी' ताकतों से एकजुट होने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में ममता सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की अपील की.
रविवार को कबीर ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'मैं पश्चिम बंगाल की सभी टीएमसी-विरोधी और भाजपा-विरोधी ताकतों को एकजुट होने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं. आइए हम अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव एक महागठबंधन बनाकर लड़ें. हालांकि, अगर कोई भी ऐसी ताकत खुद को सर्वोच्च समझती है और अपना अहंकार नहीं छोड़ सकती, तो उस स्थिति में मेरी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. अगर जरूरी हुआ तो मैं पश्चिम बंगाल की सभी 294 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारूंगा. मुझमें वह ताकत है'
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उन्होंने यह भी साफ किया कि चूंकि उनका मौजूदा कदम पूरी तरह से राजनीतिक है, इसलिए वह कोई भी कदम उठाने से पहले कई बार सोचेंगे.
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कबीर ने कहा, 'मेरा काम अल्पसंख्यक वोटर्स को एकजुट करना है. हमारा लक्ष्य कम से कम 90 सीटें से जीत हासिल करना है ताकि मेरी पार्टी अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद नई सरकार बनाने में भूमिका निभा सके. वरना, मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने का मेरा सपना अधूरा रह सकता है.'
क्या होगा पार्टी का नाम?
इसके साथ ही, कबीर ने अपनी नई पार्टी के 'लोगो' के विकल्पों के बारे में भी बताया. इसका ऐलान वे आज ही करेंगे. उन्होंने कहा, 'लोगो के रूप में मेरी पहली पसंद 'मेज' है. मेरी दूसरी पसंद 'जुड़वां गुलाब' है. अगर मुझे इन दोनों में से कोई भी नहीं मिला, तो मैं तीसरे विकल्प के बारे में सोचूंगा.' हालांकि, उन्होंने पार्टी के नाम का जिक्र नहीं किया, लेकिन ये जरूर कहा कि नाम चाहे जो भी हो, नाम के साथ 'कांग्रेस' और 'तृणमूल' शब्द नहीं जुड़े होंगे.