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जम्मू-कश्मीर में पुलिस का बड़ा एक्शन, 2 मोस्ट वॉन्टेड अलगाववादी नेता गिरफ्तार, लगे थे ये गंभीर आरोप

पूर्व टॉप आतंकवादी कमांडर जावेद अहमद मीर और अलगाववादी नेता शकील बख्शी को 1996 के मामले में गिरफ्तार किया गया. आतंकवादी से अलगाववादी बना जावेद, यासीन मलिक का करीबी रहा है. क्या है पूरा मामला, पढ़िए इस रिपोर्ट में...

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में पूर्व आतंकवादी कमांडर से अलगाववादी नेता बने जावेद अहमद मीर और शकील बक्शी को 1996 के एक पुराने केस में गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी शेरगरी दंगा, पथराव और अवैध गतिविधियों से जुड़े कई आरोपों में मॉस्ट वॉन्टेड थे. उनके खिलाफ शेरगरी पुलिस स्टेशन में कई मामले दर्ज थे. जानकारी के मुताबिक जावेद मीर और शकील बख्शी साल 1996 में उस जुलूस का हिस्सा थे जिसमें मारे गए आतंकवादी हिलाल अहमद बेग के अंतिम यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी.

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, जब हिलाल अहमद के शव को दफनाने के लिए ले जाया जा रहा था तो नाज क्रॉसिंग के पास उसके जनाजे में शामिल भीड़ हिंसक हो गई. जुलूस में शामिल आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां भी चलाई, गनीमत ये रही कि फायरिंग के दौरान किसी की मौत नहीं हुई. इस मामले में सैयद अली शाह गिलानी, अब्दुल गनी लोन, शकील अहमद बख्शी, मोहम्मद याकबू वकील, जावेद अहमद मीर,अब्दुल गनी लोन, शब्बीर शाह और नईम अहमद खान को नामजद किया गया है. इनमें सैयद अली शाह गिलानी, याकूब वकील और अब्दुल गनी लोन की मौत हो चुकी है जबकि शब्बीर शाह और नईम खान टेरर फंडिंग के आरोप मं तिहाड़ जेल में बंद हैं. जावोद मीर और शकील बक्शी को फिलहाल शेरगढ़ी पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया है, पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है.

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टॉप आतंकवादी था जावेद मीर

जावेद अहमद मीर उर्फ जावेद नलका प्रतिबंधित जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) से जुड़ा एक बड़ा आतंकवादी था, अतीत में ये ग्रुप आतंकवादी गतिविधियों और अलगाववादी राजनीति में शामिल था. जावेद मीर 90 के दशक में JKLF के टॉप आतंकवादी कमांडरों में से एक था और उसे JKLF प्रमुख यासीन मलिक के सबसे करीबी लोगों में से एक माना जाता था.

कैसे पकड़ा गया शकील बख्शी?

शकील बख्शी कश्मीर के सबसे पुराने और कट्टरपंथी अलगाववादी नेताओं में से एक है. जानकारी के मुताबिक शकील बख्शी ने 8 दिसंबर NIA अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत श्रीनगर में खुद सरेंडर किया. लेकिन पुलिस ये दावा कर रही है कि उसे लोअर कोर्ट बेमिना परिसर के पास से पकड़ा गया है. शकील बख्शी ऑल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस के साथ भी जुड़ा रहा है, लेकिन कुछ मतभेदों के चलते उन्होंने खुद को हुर्रियत से अलग कर लिया.

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