TrendingInd Vs AusIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

Explainer : आचार संहिता लागू होने के बाद नए जिलों के निर्माण, रोजगार और विकास कार्यों का क्या होगा?

Assembly elections 2023:भारतीय चुनाव आयोग ने देश के पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही राज्यों में चुनाव आचार संहिता लग गई है। 3 दिसंबर को मतगणना होगी। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रूप से रोक लगी रहेगी।

चुनाव आचार संहिता लगने के बाद विकास कार्यों का क्या होगा।
Assembly elections 2023 : भारतीय चुनाव आयोग ने देश के पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही राज्यों में चुनाव आचार संहिता लग गई है। 3 दिसंबर को मतगणना होगी। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रूप से रोक लगी रहेगी। इन कामों पर रोक इसलिए लगा दी जाती है कि इनका सत्ताधारी दल को फायदा मिल होने की आशंका होती है। अब लोगों के दिमाग में चुनाव में नए जिलों के निर्माण, नौकरियों में भर्ती का क्या होगा? मध्य प्रदेश में लाडली बहना स्कीम के तहत मिलने वाली रकम क्या बंद हो जाएगी? राजस्थान में हाल ही में तीन नए जिलों की घोषणा की गई थी तो वह बन पाएंगे या नहीं। अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा? इस तरह के कई सवाल लोगों के मन में हैं, जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं। पांच चुनावी राज्यों में आचार संहिता कब तक लागू रहेगी? चुनाव आयोग के द्वारा चुनावों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। यह आचार संहिता चुनावी प्रक्रिया पूरी होने पर स्वतः:  समाप्त हो जाती है। आज यानी कि 9 अक्टूबर से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है मतलब आज से ही पांचों राज्यों में  9 अक्टूबर को किया गया। इस दिन से आचार संहिता लागू हो गई। 3 दिसंबर को सभी 5 राज्यों में मतगणना होगी। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि 5 दिसंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाएगी। आचार संहिता में कौन से काम रुक जाते हैं किसी भी राज्य में आदर्श आचार संहिता में कुछ कामोों पर स्वत: रोक लग जाती है। इस दौरान चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी को किसी भी नेता मिलने जुलने पर मनाही होती है। सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर कोई आयोजन नहीं किया जा सकता। सत्ताधारी पार्टी के लिए सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने पर भी रोक होती है। विधायक, संसद या विधान परिषद के सदस्य आचार संहिता लागू होने के बाद विकास कार्य के लिए फंड जारी नहीं कर सकते। आचार संहिता में पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते और नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते। हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनता। बीपीएल कार्ड नहीं बनाए जा सकते। इस दौरान कोई नया सरकारी काम शुरू नहीं हो सकता। नया टेंडर भी जारी नहीं किया जा सकता। बड़ी बिल्डिंगों को क्लीयरेंस नहीं दी जाती है। यह भी पढ़ें : Rajasthan Election 2023: राजस्थान बीजेपी की लिस्ट जारी, 7 सांसदों को टिकट, दीया कुमारी, किरोड़ी लाल मीणा मैदान में…देखें राजस्थान में एक लाख भर्तियों और नए जिलों का क्या होगा गहलोत सरकार ने बजट 2023 में 1 लाख नई नौकरी देने की घोषणा की थी। इनमें से 34 हजार नौकरियों के लिए तो सरकार ने विज्ञापन निकाल दिए हैं, लेकिन 66 हजार पदों को लेकर सरकार ने अब तक कोई घोषणा नहीं की है। हाल ही में गहलोत सरकार ने जितने भी जिले बनाने की घोषणा की है उसका नोटिफिकेशन आचार संहिता के पहले ही जारी करना होता है। बाद में यह काम फंस सकता है। मध्य प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पदों पर जारी भर्तियों और लाडली बहना योजना का क्या होगा शिवराज सिंह चौहान ने दिसंबर 2022 में राज्य में 1 लाख 14 हजार भर्तियां करने करने का वादा किया था। इनमें 67 हजार पदों पर भर्ती हो गई है। अभी 47 हजार पदों पर भर्ती होनी है। अभी जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उस पर कोई रोक नहीं लगेगी, लेकिन मुख्यमंत्री या कोई मंत्री नियुक्ति पत्र अपने हाथों से नहीं दे पाएंगे। वहीं लाड़ली बहना योजना में महिलाओं को मिलने वाली राशि आचार संहिता के पहले शुरू हो चुकी थी इसलिए महिलाओं को राशि मिलती रहेगी। आचार संहिता के दौरान सड़कें बनाने का काम चलता रहेगा या रुक जाएगा आचार संहिता के दौरान कोई विधायक, मंत्री या कैंडिडेट आर्थिक सहायता नहीं दे सकता और न ही वादा कर सककता है। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद किसी परियोजना अथवा योजना का शिलान्यास नहीं किया जा सकता है। सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाना तो दूर, वादा तक नहीं कर सकते हैं। जो काम पहले से चल रहा है वो आचार संहिता में भी चलता रहेगा। यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव 2023 : मध्य प्रदेश बीजेपी की चौथी सूची जारी, सीएम शिवराज सिंह इस सीट से लड़ेंगे चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद क्या अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग रुक जाती है आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग रुकती नहीं है। हां मगर किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। अगर किसी का ट्रांसफर बेहद जरूरी हो तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के यह फैसला नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.