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Grok AI की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जवाबों पर सरकार चिंतित; X से मांगा ये स्पष्टीकरण

भारत सरकार ने एआई चैटबॉट ग्रोक (Grok) के जवाबों को लेकर चिंता व्यक्त की है। सरकार ने एक्स से ग्रोक द्वारा दिए जा रहे जवाबों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके अलावा सरकार ने ग्रोक को प्रशिक्षित करने में उपयोग किए गए डेटा पर भी सवाल उठाए हैं। विस्तार से पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

SpaceX के संस्थापक और अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की कंपनी का बनाया चैटबॉट Grok AI लगातार अपने जवाबों को लेकर चर्चाओं में है। पुलिस हो या नेता... यहां तक कि यह आम इंसान के सवालों का जवाब भी ग्रोक दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब केंद्र सरकार ने AI चैटबॉट ग्रोक द्वारा दी जा रही प्रतिक्रियाओं को लेकर X (पूर्व में ट्विटर) से स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार मामले सामने आ रहे हैं। Grok से लगातार सरकार को असहज करने वाले सवाल पूछे जा रहे हैं। हैरानी की बात है कि Grok भी इनके जवाब दे रहा है। उसके जवाब सरकार को असहज करने वाले हैं, जिसके बाद अब एक्स से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

क्या है Grok AI?

ग्रोक एआई एक बड़े भाषा मॉडल (LLM) पर आधारित है। ये ओपन एआई के ChatGPT और Google Gemini की तरह ही काम करता है, जिसका मकसद होता है यूजर्स को उसकी भाषा में जवाब देना। खास बात है कि यह कठिन से कठिन सवालों के जवाब भी दे देता है। ऐसे सवालों का जवाब देने के लिए इसमें इंटरैक्टिव डायलॉग की सुविधा है। इस एआई को X के साथ कनेक्ट किया गया है। विशेष बात यह है कि इससे ट्रेंडिंग डेटा का विश्लेषण भी किया जा सकता है।

यूजर्स को फटाफट मिल रहे जवाब

पिछले कुछ दिन से ग्रोक एआई के जवाब चर्चाओं में हैं। यूजर्स जैसे सवाल इससे कर रहे हैं, यह वैसे ही जवाब दे रहा है। सियासत और विपक्ष से जुड़े सवालों के जवाब देने के अलावा यह यूजर्स के कहने पर रोस्टिंग भी कर रहा है। सरकार और विपक्ष के नेताओं को लेकर इसके जवाब असहज करने वाले हैं। माना जा रहा है कि यही रवैया रहा तो इस एआई की राह भारत में आसान नहीं है। देश में फिलहाल डेटा सुरक्षा कानून (DPDP Act 2023) और IT एक्ट के चलते इस एआई को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

लग सकता है बैन

प्रतिस्पर्धा की बात करें तो भारतीय बाजारों में पहले से ही ChatGPT और Google Gemini मौजूद हैं। ऐसे में ग्रोक एआई के लिए राह मुश्किल हो सकती है। सरकार राजनीति और सेंसरशिप के मामलों में ऐसे टूल्स पर नजर रखती है। ग्रोक एआई को गलत जानकारी शेयर करने और विवादित मामले उठाने के लिए बैन का सामना भी करना पड़ सकता है। यह भी पढ़ें:जमीन बेचे जाने के बाद ही रेलवे की नौकरी कैसे मिली? ED ने लालू प्रसाद यादव से पूछे ये 12 सवाल यह भी पढ़ें:‘उसे जीने का हक नहीं, फांसी पर लटका दो…’, मुस्कान रस्तोगी के माता-पिता ने क्यों की ये मांग?


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