TrendingNavratri 2024Iran Israel attackHaryana Assembly Election 2024Jammu Kashmir Assembly Election 2024Aaj Ka Mausam

---विज्ञापन---

‘काला धन सफेद करो’ योजना थी चुनावी बॉन्ड स्कीम; SC के फैसले पर कांग्रेस की 9 बड़ी बातें

Congress On Electoral Bond Decision: कांग्रेस ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड पीएम मोदी की 'भ्रष्टाचार बढ़ाओ नीति' की साजिश थी, जो आज पूरे देश के सामने बेनकाब हो गई है।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा।
Congress On Electoral Bond Decision : सुप्रीम कोर्ट ने आज नरेंद्र मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया। शीर्ष अदालत ने इसे असंवैधानिक और सूचना के अधिकार के खिलाफ बताया है। इस फैसले को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस भी इसे लेकर भाजपा पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह योजना केवल अपना खजाना भरने के लिए लाई गई थी। पढ़िए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गईं 10 बड़ी बातें।

1. कांग्रेस ने शुरू से किया विरोध

पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पहली पार्टी थी जिसने साल 2017 में चुनावी बॉन्ड योजना का ऐलान किए जाने के दिन कहा था कि यह अपारदर्शी और लोकतंत्र के खिलाफ है। हमने 2019 के चुनाव में अपने घोषणापत्र में कहा था कि हम इस योजना को खत्म करना चाहते हैं। आज यह बात सच हो गई।

2. 'काला धन सफेद करो' योजना

भाजपा चुनावी बॉन्ड योजना केवल अपना खजाना भरने के लिए लाई थी। यह भाजपा की एक काला धन सफेद करो योजना थी। यह योजना हमेशा सत्ता में बैठी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार की गई थी। हर साल भाजपा ने इस योजना के जरिए सभी राजनीतिक दान का 95 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया।

3. आरबीआई ने दी थी चेतावनी

यह योजना ऐसी है जो मतदाताओं से छुपाती है कि राजनीतिक दल कैसे मालामाल बनते हैं। लोकतंत्र में इसे सही नहीं ठहराया जा सकता। सरकार का काले धन पर अंकुश लगाने का दावा बेबुनियाद था। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चेतावनी दी थी कि चुनावी बॉन्ड काले धन को राजनीति में ला सकते हैं।

4. चुनाव आयोग को गुमराह किया

पवन खेड़ा ने कहा कि एक गोपनीय नोट से यह भी सामने आया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को जानबूझकर गुमराह किया था ताकि चुनावी बॉन्ड योजना का विरोध कम किया जा सके। मोदी सरकार ने इसे लेकर भारत के विरोध को कुचलने का काम किया है।

5. मौका मिलते ही तोड़ दिए नियम

2018 में छह राज्यों में हुए चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय ने वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया था कि चुनावी बॉन्ड की विशेष व अवैध बिक्री को मंजूरी दी जाए। इस तरह मोदी सरकार ने मौका मिलते ही चुनावी बॉन्ड के नियम तोड़ दिए थे। अब इसे लेकर भाजपा का झूठ पूरी तरह उजागर हो गया है।

6. क्या जांच के लिए ईडी को भेजेंगे?

खेड़ा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद मोदी सरकार की भ्रष्ट व्यवस्था को उजागर कर दिया है तो क्या अब वह चुनावी बॉन्ड घोटाले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजेगी। चुनावी बॉन्ड पारित करने का मोदी सरकार कता तरीका अवैध था फिर भी ये लाई गई थी।

7. अध्यादेश न जारी कर दे भाजपा

भाजपा को चुनावी बॉन्ड से जो 5200 करोड़ रुपये मिले हैं, उसके बदले में उसने क्या बेचा है? हमें डर है कि भाजपा कहीं फिर से कोई अध्यादेश जारी न करवा दे और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बच जाए। यह योजना मोदी सरकार मनी बिल के तौर पर लाई थी ताकि यह बिना चर्चा सीधे पारित हो जाए।

8. भ्रष्टाचार में पीएम सीधे शामिल

पवन खेड़ा ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना भ्रष्टाचार का मामला है जिसमें प्रधानमंत्री सीधे तौर पर शामिल हैं। आज प्रधानमंत्री और उनका भ्रष्टाचार सबके सामने आ गया है। यह योजना इसलिए लाई गई थी ताकि विधायक खरीदे जा सकें और अपने मित्रों को कोयले की खदान व हवाई अड्डे दिए जा सकें।

9. मोदी की भ्रष्ट नीतियों का सबूत

राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने आ गया है। भाजपा ने चुनावी बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का तरीका बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है। मोदी को नई गारंटियों से पहले पुरानी गारंटियों का हिसाब करना चाहिए। ये भी पढ़ें: 7 पॉइंट में पढ़ें Electoral Bonds पर सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला ये भी पढ़ें: क्या होते हैं चुनावी बॉन्ड? सुप्रीम कोर्ट में किसलिए दी गई थी चुनौती ये भी पढ़ें: किसानों का भारत बंद कल; बैंक और ऑफिस खुले रहेंगे या नहीं?  


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.