तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी के आवासों पर ईडी ने की छापेमारी, द्रमुक बोली- ये राजनीतिक प्रतिशोध
Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी और उनके बेटे गौतम सिगामणि (लोकसभा सांसद) के आवासों पर सोमवार को छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु में नौ स्थानों पर पोनमुडी और उनके बेटे के गृहनगर विल्पुरम जिले में छापेमारी जारी है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में है जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही है। मंत्री पोनमुडी एमके स्टालिन कैबिनेट के दूसरे मंत्री हैं जिनकी पिछले दो महीनों में प्रवर्तन निदेशालय ने तलाशी ली है। इससे पहले, मंत्री सेंथिल बालाजी की ईडी ने तलाशी ली थी और तलाशी के अंत में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
शुरू में जांच कर रही थी तमिलनाडु अपराध शाखा
तमिलनाडु अपराध शाखा, जो शुरू में इस मामले की जांच कर रही थी, ने वास्तव में अदालत में मामले से संबंधित दस्तावेज पेश किए हैं, जिससे पता चलता है कि अवैध रूप से 2,64,600 लॉरी लोड लाल रेत का खनन करके रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य को 28.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके बाद मंत्री, उनके बेटे और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी की सहायता से भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
द्रमुक ने कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया
सत्तारूढ़ द्रमुक ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि पोनमुडी कानूनी रूप से मामले का सामना करेंगे और यह छापेमारी बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक से पहले ध्यान भटकाने की रणनीति के अलावा कुछ नहीं है।
एमके स्टालिन ने कहा, "राज्यपाल पहले से ही हमारे (डीएमके) लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं और अब ईडी भी हमारे लिए चुनाव प्रचार कर रही है। इससे हमारे लिए चुनाव कार्य आसान हो रहा है। यह सामान्य है और उनके (भाजपा) द्वारा किया गया एक नाटक है।"
अरविंद केजरीवाल ने भी छापे की निंदा की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ईडी छापे की निंदा की और जांच एजेंसी पर राजनीतिक दलों को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''आप ईडी के जरिए भारत जैसे महान देश को डरा नहीं सकते या नियंत्रित नहीं कर सकते।''
जानें मंत्री पोनमुडी पर क्या है आरोप
सूत्रों के मुताबिक, मंत्री पर लंबित अवैध रेत खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने ईसीआईआर (एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज की है। यह मामला 13 फरवरी, 2007 से 15 मई, 2011 के बीच डीएमके सरकार के दौरान खान और खनिज मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल का है। उन पर अवैध खनन की अवधि के दौरान लाइसेंस देने के लिए अधिकारियों को प्रभावित करने का भी आरोप है।
मंत्री पोनमुडी, उनके बेटे सांसद गौतम सिगामणि और उनके रिश्तेदारों पर इस मामले में बिना सिग्नियोरेज शुल्क का भुगतान किए लाल रेत के अवैध खनन के माध्यम से तमिलनाडु सरकार को 28.36 करोड़ रुपये के नुकसान से संबंधित आरोप लगाया गया था। पोनमुडी पर मंत्री के रूप में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप है।
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