Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

राजस्थान में सबसे ऊंचे रावण का दहन, 233 फीट पुतला बनाकर तोड़ा दिल्ली का रिकॉर्ड

अक्सर आईआईटी-नीट में अपना परचम लहराने वाले कोटा ने विजयादशमी के मामले में भी अपना झंडा गाड़ दिया है। कोटा में भारत का सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया, इसकी ऊंचाई 233 फीट रही। इसने दिल्ली के रावण का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

कोटा में बना सबसे ऊंचा रावण का पुतला

Dussehra 2025: विजयादशमी के मौके पर पूरे देश में बुराई के प्रतीक के रुप में रावण के पुतले का दहन किया गया। हालांकि बारिश ने कुछ रोमांच कम करने की कोशिश की, लेकिन लोगों के उत्साह ने बारिश को हावी नहीं होने दिया। विजयादशमी के उल्लास के बीच राजस्थान का कोटा, जो अक्सर आईआईटी-नीट में अपने रिकॉर्ड के लिए चर्चाओं में रहता है। वही कोटा एक बार फिर नए रिकॉर्ड के लिए चर्चा में आ गया। कोटा ने पूरे देश में सबसे ऊंचा रावण का पुतला जलाने का रिकॉर्ड बना लिया है। अभी तक रिकॉर्ड दिल्ली के नाम था। कोटा में इस बार 233 का रावण जलाया गया। जबकि दिल्ली के पास अभी तक 210 फीट ऊंचे रावण रिकॉर्ड था।

दावा से भी ऊंचा बन गया रावण

अभी तक सबसे ऊंचे रावण के पुतले का रिकॉर्ड दिल्ली के पास था। दिल्ली में 210 फीट ऊंचा रावण जलाया जा चुका है। इस बार कोटा में इस रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी थी। इसके लिए दहन समिति ने दशहरा पर रावण का पुतला बनाने के लिए 221.5 फीट का लक्ष्य तय किया था। कारीगरों ने पुतला बनाया, लेकिन जब पुतले को खड़ा किया गया तो इसकी ऊंचाई 233 फीट निकल आई। इतनी लंबाई ने दिल्ली के रिकॉर्ड से काफी आगे निकल कर नया रिकॉर्ड बना लिया।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: देश में दशहरे की धूम: कहीं जले तो कहीं बारिश में भीगे रावण, दिल्ली में राष्ट्रपति मुर्मू रावण दहन में हुईं शामिल

---विज्ञापन---

4 महीने में तैयार हुआ रावण

कोटा को रिकॉर्ड बनाने में 4 महीने का समय लगा। समिति ने बताया कि 4 महीने पहले से रावण का पुतला बनाया जा रहा था। पुतले का वजन 13.5 टन था। इसमें 10.5 टन स्टील 200 किलो रस्सी और करीब 4000 मीटर मखमली कपड़ा लगाया गया था। बताया गया कि पुतले को फाइबर ग्लास से खास तरीके से डिजाइन किया गया था।

इन रिकॉर्ड के लिए होंगे प्रयास

समिति ने बताया कि यह अनोखा पुतला अब एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जाएगा। कोटा के दशहरे की पहचान अब केवल परंपरा नहीं, बल्कि विश्व रिकॉर्ड भी बन गई है। दशहरा कार्यक्रम के लिए इस मौके के साक्षी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और मुख्यमंत्री भजल लाल शर्मा भी बने।

यह भी पढ़ें: दशहरा पर जलने से पहले उड़ा रावण का सिर, पटना में सीएम नीतीश कुमार करने वाले थे दहन


Topics:

---विज्ञापन---