क्या है ED; सीबीआई से कितनी अलग, किसको करती है रिपोर्ट? जानिए सब कुछ
ED vs Dalit farmers: तमिलनाडु का वह मामला, जिसमें ईडी के खिलाफ हुई कार्रवाई की मांग
Enforcement directorate working style: ईडी यानी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट, जिसको प्रवर्तन निदेशालय भी कहा जाता है। लेकिन आमतौर पर इसे ईडी के नाम से ही जाना जाता है। ये एजेंसी आजकल काफी सुर्खियों में है। क्योंकि आए दिन ईडी की रेड की खबरें सामने आती रहती हैं। आमतौर पर सुना जाता है कि ईडी ने किसी नेता के यहां पर छापा मारा है। ईडी कई बार बिजनेसमैन या आय से अधिक संपत्ति रखने वालों पर रेड करती है।
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सबसे पहले बात करते हैं प्रीवेंशन ऑफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के बारे में। ऐसे मामलों में ईडी को रेड से पहले किसी मजिस्ट्रेट या कोर्ट से वारंट लेने की जरूरत नहीं होती है। मामले में अफसर को ही वारंट जारी करने की पावर होती है। लेकिन बेवजह छापामारी नहीं की जा सकती है। आरोप में फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी होती है।
बुनियान मिलने पर टीम रेड करती है। खबर लीक न हो जाए, इसलिए रेड में पुलिस की मदद, जब तक जरूरी न हो, नहीं ली जाती। रेड के दौरान कोई आरोपी भाग न जाए, इसको लेकर भी पुख्ता प्रबंध किया जाता है। ऑफिस या घर, जहां छापा पड़ा हो, बंदोबस्त किया जाता है।
मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजे के लिए बना है प्रीवेंशन ऑफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट
मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजे के लिए ही प्रीवेंशन ऑफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट बनाया गया है। आय से अधिक संपत्ति को भी जब्त करने का हक कानून में है। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानी फेमा के तहत भी ईडी कार्रवाई करती है। ब्लैक मनी को व्हाइट करने से रोकने के लिए ही पीएमएलए 2002 में संसद में बनाया गया था। यह 2005 से लागू किया गया था। तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसे लागू करवाया था।
ईडी का मुख्यालय दिल्ली में
ईडी का गठन 1956 में हुआ था। जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और चंडीगढ़ में भी इसके ऑफिस बनाए गए हैं। यह सरकारी एजेंसी है, जो आर्थिक अपराधों के खिलाफ एक्शन लेती है। इसका काम आर्थिक कानूनों को लागू करना है। इसको आर्थिक मामलों में जांच के अलावा संपत्ति जब्त करने और अरेस्ट करने की पावर भी है। बता दें कि जो लोग देश से फरार हुए थे, उनकी संपत्ति ईडी जब्त कर चुकी है। मेहुल चौकसी, विजय माल्या और नीरव मोदी के नाम इसमें शामिल हैं।
ईडी का वर्किंग स्ट्रक्चर भी अलग है। एक डायरेक्टर लीड करते हैं, उनके साथ एक जॉइंट डायरेक्टर (एओडी) होते हैं। जिनके नीचे 9 स्पेशल डायरेक्टर काम करते हैं। जो देश में बनाए गए अलग-अलग जोन, हेडक्वार्टर और इंटेलिजेंस के आधार पर बंटे होते हैं। इन लोगों के नीचे कई जॉइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर और दूसरे अफसर होते हैं।
हाल के दिनों में लिए गए ED के एक्शन
- वेस्ट बंगाल में पार्थ चटर्जी की करीबी रहीं अर्मिता चटर्जी के घर रेड की गई
- नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई घंटे पूछताछ की गई
- पात्रा चॉल केस में शिवसेना के सांसद संजय राउत पर शिकंजा कसा गया
- मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, गिरफ्तारी भी की
- आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई
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