Delhi Wrestlers Protest: कुश्ती संघ के खिलाफ पहलवानों ने जंतर-मंतर पर फिर खोला मोर्चा, बोले- न्याय मिलने तक लड़ते रहेंगे
Delhi Wrestlers Protest
Delhi Wrestlers Protest: दिल्ली के जंतर-मंतर पर बजरंग पुनिया समेत कई पहलवानों ने फिर से धरना प्रदर्शन शुरू किया है। धरने में विनेश फोगट और साक्षी मलिक भी शामिल हैं। इससे पहले जनवरी में पहलवानों ने प्रदर्शन किया था। आरोप है कि सात महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। लेकिन अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया है।
पहलवानों ने कहा कि लोग हमें झूठा समझने लगे हैं। हम हारकर वापस आने को मजबूर हुए। हमारा धरना न्याय मिलने तक जारी रहेगा।
साक्षी मलिक ने कहा कि हमने 2 दिन पहले सीपी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अभी तक FIR नहीं की गई है। 7 लड़कियों ने शिकायत दी थी, जिसमें से एक नाबालिग है। मामला यौन शोषण का था और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत थी।
पहलवान बोले- हमें बबीता फोगाट पर भरोसा नहीं
जनवरी में पहलवानों ने पहले कहा था कि वे कानूनी रास्ता नहीं अपनाना चाहते, क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पर भरोसा है। लेकिन चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे पुलिस के पास जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे ओलंपियन बबीता फोगाट, जो भाजपा की सदस्य हैं और हरियाणा सरकार का हिस्सा हैं, उनकी मध्यस्थता से खेल मंत्रालय में बातचीत से संतुष्ट नहीं हैं। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर पहलवानों से मुलाकात की थी और आरोपों को 'गंभीर' बताया था।
दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को भेजा नोटिस
दिल्ली महिला आयोग ने इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज न करने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया है कि एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों का आरोपी बृजभूषण शरण सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ में अपने कार्यकाल के दौरान यौन उत्पीड़न किया है।
महिला पहलवान विनेश फोगाट ने डीसीडब्ल्यू का आभार जताया है।
सांसद ने आरोपों से का किया था खंडन
वहीं, सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों का खंडन किया है। जनवरी में एएनआई से बातचीत में उनका कहना था कि यौन उत्पीड़न के सभी आरोप झूठे हैं, और अगर वे सही पाए गए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। महासंघ ने कहा कि जिन एथलीटों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, उनका एक छिपा हुआ एजेंडा है।
मैरीकॉम की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी
खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और उसे एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। बाद में दो सप्ताह की समय सीमा बढ़ा दी गई और प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर बबीता फोगट को जांच पैनल में अपने छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया।
समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश की। लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पहलवान कई सुनवाई के बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके।
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