‘गैस चैंबर’ बनी दिल्ली को 4 दिन बाद मिलेगी राहत! हवाओं का बदल सकता है रुख
Delhi-NCR AQI Air Pollution Gas Chamber Relief After 4 Days: दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। लिहाजा जहरीली हवाओं के कारण दिल्ली समेत पूरा एनसीआर गैस चैंबर बन गया है। सरकारों की ओर से इससे राहत पाने के लिए कई इंतजाम किए जा रहे हैं। ऐसे में एक दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। IMD के अनुसार, दिल्ली को अगले चार दिन में राहत मिल सकती है। मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि आने वाले दिनों पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के कारण तेज हवाएं चलेंगी।
पंजाब-हरियाणा में पराली जली, दिल्ली में भरा धुआं
न्यूज साइट इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। इसके कारण दिल्ली में धुंध में हालात गंभीर हो गए। बताया गया है कि ये हालात करीब चार दिनों तक ऐसे ही रहने वाले हैं। हालांकि इसके बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब और हरियाणा में आमतौर पर हर साल पराली जलाई जाती है। राज्य सरकार और अन्य संस्थाएं हर बार किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए अभियान चलाती हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहता है।
पंजाब में अभी धान की कटाई बाकी है
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पंजाब में धान की खेती का करीब 35 प्रतिशत क्षेत्र (यानी लगभग 10 लाख हेक्टेयर भूमि) अभी भी कटाई के लिए बाकी है। यानी आशंका जताई गई है कि अभी पराली जलानी की घटनाएं और हो सकती हैं। ऐसे में वायु गुणवत्ता की स्थिति में सुधार की एकमात्र उम्मीद मौजूदा का बदलाव है। बताया जाता है कि पराली जलाने के कारण वायु मंडल की निचली परत में प्रदूषणकारी कण बड़ी संख्या में जमा हो जाते हैं, जिसके कारण इलाका गैस चैंबर में बदल जाता है।
मौसम ही दिला सकता है प्रदूषण से मुक्ति
मौसम विभाग को उम्मीद है कि 7 नवंबर के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव हो सकता है। हालांकि दिल्ली एनसीआर में अभी हवा की रफ्तार काफी कम है। जानकारों का कहना है कि मानसून के दौरान हवाएं काफी ऊपर ओर चलती हैं, लेकिन सर्दियों में ये हवाएं काफी नीचे रहती हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मौसम दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण से राहत दे सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में से करीब 40 प्रतिशत (5,140 घटनाएं) 15 सितंबर के बाद से इस महीने के पहले तीन दिनों में हुई हैं।
पाकिस्तान से पंजाब, और फिर हरियाणा से दिल्ली में हवाओं की एंट्री
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की संचालन समिति के सदस्य सच्चिदा नंद त्रिपाठी ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि दिल्ली की हालत के लिए कुछ प्रमुख कारण जिम्मेदार हैं। पंजाब में पराली जलाने के बाद हवाओं के कारण धुआं दिल्ली में भर जाता है। ऐसा माना जाता है कि हवाएं पाकिस्तान और पंजाब से होकर, हरियाणा को पार करते हुए दिल्ली तक पहुंचती हैं। ये हवाएं पंजाब और हरियाणा से प्रदूषक तत्वों को दिल्ली में धकेलती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन से चार दिनों में आग लगने की घटनाएं तेज हुई हैं।
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गैस चैंबर से मुक्ति के लिए जरूरी है वेंटिलेशन
उन्होंने कहा है कि हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर बदल गई है। यह बहुत ही उल्टा मौसम विज्ञान है। गैस चैंबर से निजात पाने के लिए वायुमंडल में वेंटिलेशन की जरूरत होती है, जो वायुमंडल की फैलाव क्षमता पर निर्भर करता है। आने वाले दिनों में हवा की बेहतर रफ्तार और बारिश से राहत मिल सकती है, लेकिन दोनों ही फिलहाल संभव नहीं हैं। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार दिल्ली में कम से कम अगले छह दिनों तक बारिश नहीं होगी, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ की संभावना उम्मीद जताई गई है।
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