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Delhi Gov vs Centre: बिजली नियामक प्रमुख की नियुक्ति को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानें क्या है विवाद

नई दिल्ली: दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की एक महत्वपूर्ण याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ आज दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष की नियुक्ति को चुनौती […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Jul 5, 2023 11:32
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नई दिल्ली: दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की एक महत्वपूर्ण याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ आज दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष की नियुक्ति को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करने वाली है।

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार देर शाम कहा कि वह डीईआरसी के नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए रिटायर जस्टिस उमेश कुमार को शपथ दिलाने के साथ ही सुबह 10 बजे तक कार्यालय सौंप दें। डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति की शक्ति को लेकर खींचतान केंद्र के 19 मई के अध्यादेश के बाद बढ़ गई, जिसने राष्ट्रपति को दिल्ली में सभी वैधानिक निकायों और प्राधिकरणों में नियुक्तियां करने की शक्ति प्रदान की। डीईआरसी अध्यक्ष और आयोग के दो अन्य सदस्यों का पद इस जनवरी से खाली है, दिल्ली सरकार ने अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दिल्ली कैबिनेट द्वारा मंजूरी दिए गए उम्मीदवार को मंजूरी देने के लिए उपराज्यपाल को आदेश देने की मांग की।

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केजरीवाल सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम की धारा 45 में संशोधन को चुनौती दी और कहा कि उपराज्यपाल द्वारा न्यायमूर्ति उमेश कुमार (सेवानिवृत्त) की नियुक्ति “अवैध और असंवैधानिक” थी। दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि चूंकि डीईआरसी राष्ट्रीय राजधानी में घरों और उद्योगों के लिए बिजली शुल्क निर्धारित करने के साथ-साथ बिजली जनरेटर और डिस्कॉम को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है, इसलिए किसी भी निर्णय के “मजबूत सामाजिक और वित्तीय निहितार्थ होंगे और इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा।”

जानें क्या है विवाद?

दिल्ली सरकार और एलजी के बीच जनवरी से खाली पड़े महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति को लेकर गतिरोध बना हुआ है। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सोसोदिया ने एक फाइल पर डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में जस्टिस राजवी कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति की मंजूरी दी थी। हालांकि एलजी ने यह कहते हुए फाइल लौटा दिया कि सरकार नियुक्ति के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के भी परामर्श करे। इसके बाद दिल्ली सरकार ने 12 अप्रैल के कोर्ट का दलवाजा खटखटाया।

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First published on: Jul 04, 2023 10:41 AM

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