नई दिल्ली: दिल्ली में बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी पर संकट मंडरा रहे हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल और अरविंद केजरीवाल सरकार के बीच बिजली सब्सिडी को लेकर एक बार फिर से तकरार बढ़ गई है। ऊर्जा मंत्री आतिशी मरलेना ने दावा किया कि अब दिल्ली के 46 लाख से ज्यादा परिवारों को शनिवार से बिजली सब्सिडी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने बिजली सब्सिडी की फाइल रोक दी है।
आतिशी ने लगाए आरोप
आतिशी ने कहा, 46 लाख परिवारों, किसानों, वकीलों और 1984 दंगा पीड़ितों को कल से फ्री बिजली मिलनी बंद हो जाएगी। दिल्ली सरकार की बिजली सब्सिडी की फाइल एलजी लेकर बैठ गए हैं। टाटा, बीएसईएस ने चिट्ठी लिखी है कि उनके पास सब्सिडी की सूचना नहीं आई तो वो बिलिंग शुरू करेंगे। आतिशी का आरोप है कि इस मामले पर उन्होंने उपराज्यपाल से बातचीत के लिए मिलने का 5 मिनट का समय मांगा था, लेकिन इमरजेंसी स्थिति होने के बावजूद उपराज्यपाल ने समय नहीं दिया। आतिशी का कहना है कि 24 घंटे बाद भी उपराज्यपाल ने समय नहीं दिया है।
दिल्ली सरकार के इस आरोप पर दिल्ली के एलजी की तरफ से जवाब आया है। एलजी हाउस के अधिकारी ने कहा है कि ऊर्जा मंत्री को सलाह दी जाती है कि एलजी के खिलाफ अनावश्यक राजनीति और निराधार झूठे आरोपों से बचें। अधिकारी ने कहा कि ऊर्जा मंत्री को झूठे बयानों से लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। उन्हें और मुख्यमंत्री को दिल्ली की जनता को जवाब देना चाहिए कि इस संबंध में फैसला 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा गया जबकि समय सीमा 15 अप्रैल थी? एलजी को 11 अप्रैल को ही क्यों भेजी गई फाइल? 13 अप्रैल को चिट्ठी लिखकर और शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नौटंकी की क्या जरूरत है?"
उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने केजरीवाल सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि पिछले 6 वर्षों के दौरान निजी बिजली कंपनियों को दिए गए 13,549 करोड़ रुपये का ऑडिट क्यों नही की है। उपराज्यपाल ने गरीबों को बिजली सब्सिडी दिए जाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इस सब्सिडी का पूरी तरह समर्थन किया है और कहा कि बिजली कंपनियों को जो सब्सिडी दी गई है, उसका हर हाल में ऑडिट होना चाहिए ताकि बिजली सब्सिडी में अगर कहीं भी चोरी हो रही है तो उसे रोका जा सके।