DeepFake Viral Video of PM Modi: डीपफेक वीडियो को लेकर इस समय काफी चर्चा है। पीएम मोदी तक इस टेक्नोलॉजी को लेकर चिंता जता चुके हैं। प्रधानमंत्री ने जी20 वर्चुअल सम्मेलन में भी डीपफेक को लेकर चिंता जताई है। इसपर चर्चा तब शुरू हुई जब दक्षिण भारत की एक मशहूर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद सरकार की तरफ से इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके बाद डीपफेक के खतरों का जिक्र किया था। पीएम ने कहा था कि महिलाओं के साथ गरबा डांस करते हुए उनका एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें वे थे ही नहीं। उन्होंने इस वीडियो को डीपफेक बताया था।
वहीं अब इस वायरल वीडियो की असली सच्चाई सामने आई है। पता चला है कि यह वीडियो डीपफेक नहीं था, बल्कि पीएम मोदी का हमशक्ल एक शख्स इसमें गरबा डांस कर रहा है। उस शख्स ने इसे लेकर खुद बयान दिया है। इस वीडियो में पीएम मोदी के हमशक्ल कारोबारी विकास महंते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म इंस्टाग्राम पर बताया है कि यह डीपफेक वीडियो नहीं था। विकास महंते ने कहा है कि वायरल वीडियो में मैं ही हूं, श्री विकास महंते।
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महंते ने इंस्टाग्राम पर लिखा है कि एक कलाकार और एक अभिनेता के रूप में प्रधानमंत्री के प्रमुख हमशक्ल होने के की वजह से उन्हें कई कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने साफ किया कि वे किसी भी तरह से मोदी जी होने का दावा या उनका रूप धारण करने का दावा नहीं करते हैं। वे ऐसा कोई काम नहीं करते जिससे भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनकी छवि धूमिल हो। उन्होंने कहा कि उनकी (PM) विचारधाराओं को लोगों के बीच शेयर करना मेरे लिए सम्मान की बात है।
पीएम ने और क्या कहा था वीडियो को लेकर
बता दें कि यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा था। प्रधानमत्री ने इसे लेकर कहा था कि एक डीपफेक वीडियो मैंने देखा था, जिसमें उन्हें गरबा डांस करते हुए दिखाया गया था। इसे सोशल मीडिया पर उनका बताकर शेयर किया जा रहा था। उन्होंने कहा था कि वे डीपफेक का शिकार हो गए। स्कूल छोड़ने के बाद से उन्होंने गरबा नहीं किया है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस तरह की तकनीकी के संकट के बारे में लोगों को बताना चाहिए।
सरकार ने हटाने को कहा था डीपफेक वीडियो
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि वे 24 घंटे के भीतर डीपफेक कंटेंट को हटा लें। इसके साथ ही ऐसा नहीं करने पर भारतीय कानूनों के तहत आपराधिक और न्यायिक कार्रवाई करने की बात कही गई थी।
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