Deepfake Row: डीपफेक को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को दो टूक कहा है कि आज से इस संबंध में सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी। डीपफेक को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सात दिन का समय दिया है ताकि वे यूज करने की अपनी शर्तों को IT Policy के मुताबिक कर लें।
साथ ही केंद्र सरकार ने डीपफेक का गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर ली है। डीपफेक को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार की तैयारी एक वेबसाइट बनाने की है। इसके माध्यम से लोगों को एफआईआर दर्ज कराने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सरकार लोगों को मामला दर्ज करने में मदद के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगी।
डीपफेक को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज हमने इंटरनेट के सभी महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों के लोगों के साथ एक बैठक की है। उन्होंने कहा कि हमने उनके साथ डीपफेक का मुद्दा उठाया है। उन्हें याद दिलाया कि अक्टूबर 2022 से ही भारत सरकार गलत सूचना और डीपफेक के खतरे के प्रति अलर्ट कर रही है।
इस कानून के तहत होगी कार्रवाई
चन्द्रशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी प्लेटफार्मों को इस महीने की शुरुआत में एक सलाह जारी की थी, जिसमें ऐसे कानूनी प्रावधानों को बताया गया था। इसके अलावा डीपफेक के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि सभी प्लेटफार्मों का गलत सूचना के प्रसार को रोकना कानूनी दायित्व है। डीपफेक के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों का सतर्क रहना होगा, ताकि किसी भी तरह कोई गलत सूचना नहीं फैलाई जा सके।
डीपफेक समाज के लिए खतरनाक- पीएम मोदी
बता दें कि डीपफेक को लेकर पीएम मोदी ने जी20 के वर्चुअल सम्मेलन में भी अपनी चिंता जाहिर की थी। पीएम मोदी डीपफेक को समाज के लिए खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा थी कि पूरी दुनिया में एआई के नेगेटिव इस्तेमाल को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। भारत की इस मामले में स्पष्ट सोच है कि इसके वैश्विक नियम को लेकर हमें मिलकर काम करना चाहिए।
वहीं, बीते दिन भी केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। बैठक में एआई कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि डीपफेक पर जल्द ही एक कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि डीपफेक लोकतांत्रिक देशों के लिए नया खतरा बनकर सामने आया है। इसके लिए कंपनियां और बनाने वाले दोनों जिम्मेदार होंगे।
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