Darjeeling Landslide Update: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश के कारण पुल टूटा और भूस्खलन हुआ. हादसे में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दार्जिलिंग में हादसास्थलों का दौरा कर चुकी हैं. उन्होंने दार्जिलिंग में फंसे पर्यटकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और जहां भी हैं, वहीं पर रुक जाएं, सुरक्षित रहें. साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में ही रहें. उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस को आपदा प्रभावित लोगों की मदद करने का निर्देश दिया है.
पुल टूटा और भारी भूस्खलन हुआ
बता दें कि दार्जिलिंग में बीते कई दिन से बारिश का दौर जारी है, जिसके चलते बीते दिन दुधिया पुल टूट गया और एक जगह भारी भूस्खलन हुआ. भारी बारिश के चलते दार्जिलिंग में जहां पुल टूटने से 2 शहरों का संपर्क कट गया है, वहीं भूस्खलन से नेशनल हाईवे-110 समेत कई सड़कें ब्लॉक हैं. जगह-जगह पेड़ टूटकर गिरे हुए हैं और भूस्खलन के मलबे के नीचे दबकर कई घर तबाह हो गए हैं. पहाड़ियां दरकने से पत्थर और चट्टानें टूटकर गिरीं, जिससे कई सड़कें टूटने से रास्ते ब्लॉक हुए हैं. कई शहरों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है.
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इन शहरों में लोगों ने जान गंवाई
मिली जानकारी के अनुसार, दार्जिलिंग के मिरिक में भारी से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. मिरिक में बालासन नदी पर बना दुधिया पुलिस टूट गया. इस वजह से मिरिक को सिलीगुड़ी और कार्सिओंग से जोड़ने वाला रास्ता ब्लॉक हो गया. नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के अनुसार, मिरिक में 11, जोरबंग्लो, सुकिया पोखरी और अन्य इलाकों में 7 लोगों की मौत हुई है. जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा इलाके भी भूस्खलन हुआ है, जिसके मलबे से 5 शव बरामद हुए हैं. कुल मिलाकर अब तक 23 लोग जान गंवा चुके हैं.
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35 जगहों पर हुआ है भूस्खलन
कार्सिओंग के एडिशनल SP अभिषेक रॉय ने बताया कि दार्जिलिंग जाने वाली कर्सिओंग रोड पूरी तरह ब्लॉक हो चुकी है. गौरिशंकर के पास रोहिणी रोड टूटी हुई है. पंखाबाड़ी रोड की हालत भी काफी खराब है और अगर इस रोड से आवाजाही की गई तो हादसा होने का खतरा है. टिंधरिया रोड अभी ठीक है, जिसके जरिए मिरिक में फंसे टूरिस्टों को रेस्क्यू किया जा रहा है. गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) के मुख्य कार्यकारी अनित थापा के अनुसार, दार्जिलिंग में पिछले कई दिन से हो रही बारिश के चलते 35 जगहों पर भूस्खलन हुआ. मिरिक, नागराकाटा, सुखानी और अंगरावास गांवों में तबाही मची है. खेत, सड़कें और बाजार पानी से भरे हुए हैं. कई परिवार बेघर हो चुके हैं.