CR Kesavan Resigns: भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के पड़पोते (great grandson) और कांग्रेस नेता सीआर केसवन ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित करते हुए अपना इस्तीफा भेजा है। केसवन ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस्तीफे की कॉपी पोस्ट की है।
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सीआर केसवन ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीआर केसवन को संबोधित करते हुए अपने इस्तीफे में सीआर केसवन ने लिखा है कि विदेश में सफल कैरियर को पीछे छोड़कर मैं अपने देश की सेवा करने के लिए भारत लौटा था। इसके बाद पार्टी की विचारधारा को देखते हुए मैंनें 2001 में कांग्रेस में शामिल हो गया।
इसके बाद की यात्रा चुनौतीपूर्ण और आकर्षक थी। मुझे श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान के उपाध्यक्ष [राज्य मंत्री के पद पर], प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य, भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और राष्ट्रीय मीडिया के रूप में सेवा करने का अवसर मिला।
सरकार और संगठन में वर्षों से मुझे सौंपी गई सभी जिम्मेदारियों के लिए मैं ईमानदारी से पार्टी और सोनिया गांधी को धन्यवाद देता हूं। मैंने यहां दोस्ती कायम की है जो बनी रहेगी।
इस्तीफे में केसवन ने लिखा- मुझे कहते हुए दुख हो रहा है...
केसवन ने इस्तीफे में आगे लिखा कि मुझे यह कहते हुए वास्तव में दुख हो रहा है कि पिछले कुछ समय से मैंने उन मूल्यों का कोई अवशेष नहीं देखा है जिन्होंने मुझे पार्टी के लिए समर्पण के साथ दो दशकों से अधिक समय तक काम करने के लिए प्रेरित किया। यही कारण है कि मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठनात्मक जिम्मेदारी को अस्वीकार कर दिया था और भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने से भी परहेज किया था।
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उन्होंने लिखा कि मेरे लिए एक नया रास्ता तय करने का समय है और इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैंने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में अपना इस्तीफा भी उपयुक्त प्राधिकारी को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे किसी और पार्टी में जाने की अटकलें होंगी लेकिन मैंने किसी से बात नहीं की है और ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा।
मैं एक राजनीतिक मंच के माध्यम से अपने देश की सेवा करने के लिए नेकनीयती से प्रयास करूंगा, यह एक ऐसा मंच होगा जहां मैं सार्वजनिक जीवन की अखंडता और आदर्शों को दृढ़ता से बनाए रख सकता हूं।
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