CPI (M) leader Basudev Acharya passes away (अमर देव पासवान): CPI (M) के दिग्गज नेता बासुदेव आचार्य ने आज 81 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। बासुदेव आचार्य एक ही सीट से 9 बार सांसद बन चुके थे। बासुदेव आचार्य का निधन हैदराबाद तेलंगना के एक निजी अस्पताल में हो गया। आचार्य काफी समय से ढलती उम्र के कारण होने वाली बीमारियों से ग्रस्त थे, वह कुछ दिनों पहले ही अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे और सोमवार को दोपहर के समय उन्होंने अंतिम सांस ली। आइए वासुदेव आचार्य की जीवनी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कौन थे Basudev Acharya?
वासुदेव आचार्य का जन्म 11 जुलाई, 1942 को पश्चिम पुरुलिया जिले के आद्रा में हुआ था। वे एक भारतीय बंगाली-तमिल राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) राजनीतिक दल के नेता थे। उनके पूर्वज मूल रूप से वर्तमान तमिलनाडु के थे, जो 16वीं शताब्दी में बंगाल में बस गये थे। वह खुद को बंगाली मानते थे। उन्होंने एम.ए. और बी.टी. की उपाधि प्राप्त की।
एक ही सीट से बने थे 9 बार सांसद
आचार्य अपने कॉलेज लाइफ से ही वामपंथी आंदोलन से जुड़ गए थे और देखते ही देखते वह विभिन्न प्रकार के आदिवासी आंदोलनों और साक्षरता अभियानों में पश्चिमांचल क्षेत्र के नेताओं में से उन्होंने अपना प्रमुख स्थान भी बना लिया। वासुदेव 1980 में बांकुड़ा लोकसभा क्षेत्र से पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद वह लगातार 2014 तक वहां के सांसद रहे। वासुदेव रेलवे कर्मचारी के आंदोलन के भी प्रमुख चेहरा थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह तृणमूल उम्मीदवार और अभिनेत्री मुनमुन सेन से हार गए थे, वासुदेव लंबे समय तक माकपा केंद्रीय समिति और राज्य समिति के सदस्य रहे।
1980 के चुनाव में बांकुड़ा लोकसभा सीट से माकपा राज्य नेतृत्व बिमान बोस को उम्मीदवार बनाना चाहते थे, लेकिन बिमान ने तत्कालीन राज्य सचिव प्रमोद दासगुप्ता से कहा कि वह संगठन में रहना चाहते हैं। उस समय बिमान को बांकुड़ा के लिए उम्मीदवार ढूंढने का काम सौंपा गया था। कई माकपा नेताओं का कहना है कि वासुदेव आचार्य बिमान बसु के पसंद थे।
वासुदेव आचार्य की निधन पर सीएम ममता ने जताया शोक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CPI (M) नेता वासुदेव आचार्य की निधन पर दुख जता है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'वरिष्ठ वामपंथी नेता और पूर्व सांसद वासुदेव आचार्य के निधन पर दुख हुआ। वह एक ट्रेड यूनियन नेता और जबरदस्त ताकत वाले सांसद थे और उनके जाने से सार्वजनिक जीवन में काफी नुकसान होगा। उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति संवेदनाएं।''
मंगलवार को किया जाएगा अंतिम संस्कार
माकपा के राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि बासुदेव की एक बेटी विदेश में रहती है। वह मंगलवार को सिकंदराबाद पहुंचेंगी और इसके बाद ही दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार किया जाएगा।