What is JN.1 Variant of Coronavirus : कोविड-19 बीमारी का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) वायरस में एक बार फिर म्यूटेशन हो रहे हैं। इस वायरस का नया वैरिएंट JN.1 इस समय चर्चा में है जिसके एक मामले की पुष्टि भारत में भी हो चुकी है। इसे ओमिक्रॉन वैरिएंट का सबवैरिएंट बताया जा रहा है।
सबसे पहले JN.1 से संक्रमण का मामला इसी साल सितंबर में अमेरिका में सामने आया था। 12 दिसंबर तक अमेरिका में कोरोना के कुल मामलों में से 21.4 प्रतिशत केस इसी वैरिएंट से संक्रमण की वजह से थे। जानिए यह वैरिएंट क्या है और क्या इसे लेकर चिंता करने की जरूरत है।
क्या है कोरोना का JN.1 वैरिएंट
JN.1 कोरोना के BA.2.86 ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक सबवैरिएंट है। इसके स्पाइक प्रोटीन पर 20 से ज्यादा म्यूटेशन देखने को मिले हैं। इन म्यूटेशंस की वजह से इसे लेकर चिंता जताई गई थी। JN.1 के स्पाइक प्रोटीन में BA.2.86 से ज्यादा म्यूटेशन बताए जा रहे हैं।
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नेशनल मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के को-चेयरमैन राजीव जयदेवन के अनुसार JN.1 फिलहाल केरल में बढ़ रहे कोविड के मामलों के लिए जिम्मेदार है। यह कोरोना के अन्य वैरिएंट्स से अलग है। यह वैरिएंट इम्यूनिटी को चकमा देने वाला है और तेजी से फैल सकता है।
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अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार JN.1 वर्तमान में देश में सबसे तेजी से बढ़ रहा वैरिएंट है। जानकारी के अनुसार JN.1 और BA.2.86 वैरिएंट के बीच केवल स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन का अंतर है। इसे लेकर अध्ययन किए जा रहे हैं।
क्या हैं लक्षण, कितना खतरनाक
अभी तक ऐसा कोई डाटा नहीं मिला है जो कोरोना के पिछले वैरिएंट्स और JN.1 से संक्रमण के बाद लक्षणों में कोई खास अंतर बताता हो। सीडीसी के अनुसार इससे बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, शरीर में दर्द, स्वाद या सूंघने की क्षमता समाप्त होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
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यह भी कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है लेकिन गंभीर बीमारी की संभावना कम ही है। ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि अन्य वैरिएंट्स की तुलना में यह स्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरनाक है। भारत में मिले इसके अधिकतर मरीज बिना इलाज के ठीक हो गए हैं।
क्या वैक्सीन करेगी इस पर असर
सीडीसी के अनुसार वैक्सीन वायरस के स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करती है। इसका मतलब है कि अपडेटेड वैक्सीन JN.1 के खिलाफ भी असरदार साबित होनी चाहिए। सीडीसी ने चेताया है कि जनवरी 2024 में कोविड के केस तेजी से बढ़ सकते हैं। ऐसे में अपडेटेड वैक्सीन ली जा सकती है।