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दिग्विजय सिंह के RSS-BJP की तारीफ वाली पोस्ट पर कैसे बंटी कांग्रेस? भाजपा ने बयान को बताया ‘ट्रुथ बम’

Digvijay Singh Post Controversy: दिग्विजय सिंह की पोस्ट पर कांग्रेस बंट गई है. किसी ने दिग्विजय का समर्थन किया तो कई नेताओं ने पोस्ट के लिए दिग्विजय सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस की ताकत से रूबरू कराया.

दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेताओं को टैग करके BJP नेताओं की फोटो अपलोड की.

Digvijay Singh Post Controversy: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की पोस्ट पर कांग्रेस दोफाड़ हो गई है. दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर पोस्ट करके उसे एक कैप्शन दिया था. X पर लिखी गई पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और जयराम रमेश को भी टैग किया था.

दिग्विजय सिंह की पोस्ट को कांग्रेस नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष रूप से किया गया तंज और RSS-BJP संगठन की ताकत की तारीफ कहा गया है. वहीं BJP ने दिग्विजय सिंह की पोस्ट को ट्रुथ बम करार दिया और कांग्रेस की आतंरिक कलह को उजागर करने वाला बताया. कांग्रेस के तानाशाही नेतृत्व को जवाब देती पोस्ट भी बताया. यह पोस्ट संगठनों में सुधार पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की मीटिंग से ठीक पहले लिखी गई थी.

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विवाद पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई

पोस्ट पर विवाद होने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं शुरू से यही कहता आया हूं, मैं RSS की विचारधारा का विरोधी हूं. वे न तो संविधान का सम्मान करते हैं और न ही देश के कानूनों का. यह एक अपंजीकृत संगठन है, लेकिन मैं उनकी संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा करता हूं, क्योंकि एक ऐसा संगठन जो पंजीकृत भी नहीं है, इतना शक्तिशाली हो गया है कि प्रधानमंत्री लाल किले से कहते हैं कि यह दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन है.

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अगर यह एक गैर सरकारी संगठन है तो आपके नियम-कानून कहां गए? लेकिन मैं उनकी संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा करता हूं. वहीं कांग्रेस पार्टी की संगठनात्मक क्षमता पर उन्होंने कहा कि मैं इतना कह सकता हूं कि सुधार की गुंजाइश है और हर संगठन में सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी मूल रूप से एक आंदोलन की पार्टी है. मैंने यह कई बार कहा है कि कांग्रेस पार्टी एक आंदोलन की पार्टी है और रहनी चाहिए, लेकिन उस आंदोलन को वोटों में बदलने में कांग्रेस असफल रहती है.

पवन खेड़ा और खड़गे का बड़ा बयान

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि मैं दिग्विजय सिंह की बात से सहमत नहीं हूं. गोडसे के समर्थक गांधी के समर्थक नहीं हो सकते. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने BJP-RSS के गठबंधन से कांग्रेस पार्टी के अंतर को स्पष्ट करते हुए दावा किया कि कांग्रेस कभी भी धर्म की राजनीति नहीं करती. कांग्रेस के पास भले ही कम शक्ति हो, लेकिन पार्टी की रीढ़ कमजोर नहीं है. सत्ता में हों या न हों, धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगते. धर्म में विश्वास रखते हैं, लेकिन कुछ लोगों ने धर्म को राजनीति बना दिया है. BJP के पास शक्ति है, लेकिन सच्चाई की कमी है. RSS के नेता कभी तिरंगा और वंदे मातरम् तक को स्वीकार करने से इनकार करते थे और अब वे जनता के अधिकारों को कुचल रहे हैं.

सचिन पायलट ने भी रखा अपना पक्ष

सचिन पायलट ने भी कांग्रेस में एकता की कमी होने से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस ही भारत में एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो मजबूत विपक्ष पेश करती है. कांग्रेस एकजुट है, देश को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है. कांग्रेस के भीतर कोई मतभेद नहीं है. सभी को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है. उन्होंने अपनी बात रखी. हमारा एकमात्र लक्ष्य खड़गे और राहुल गांधी को मजबूत करना है. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस को RSS से सीखने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे (नाथूराम गोडसे) का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें हमसे सीखना चाहिए. हमें उनके संगठन से कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है.


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