कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। नोटिस में कहा गया है कि 24 मार्च 2025 को सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद किरेन रिजिजू ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के नाम से कुछ गलत बयान सदन में प्रस्तुत किए, जिससे सदस्यों को गुमराह किया गया। शिवकुमार ने इन बयानों को गलत और अपमानजनक बताते हुए खंडन किया है। उन्होंने कहा कि किरेन रिजिजू द्वारा दिए गए बयान झूठे और भ्रामक हैं, जो सदन की अवमानना और विशेषाधिकार का उल्लंघन हैं। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर मैं अनुरोध करता हूं कि इस मामले में किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई शुरू की जाए।
रिजिजू ने नहीं लिया नाम
राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 188 के तहत नोटिस दिया है। किरेन रिजिजू ने सदन में कहा था कि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा है कि उनकी पार्टी मुस्लिमों को आरक्षण देने को लेकर संविधान में बदलाव करेगी। ये नेता संवैधानिक पद पर हैं, हालांकि रिजिजू ने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया। माना जा रहा है कि उनका इशारा डीके शिवकुमार की तरफ था।
ये है मामला
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में मुसलमानों को ठेकों में 4 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया था, जिसके बाद लगातार विवाद हो रहा है। इसी बीच कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बयान दे दिया, जिसके बाद कर्नाटक से लेकर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में भी हड़कंप मच गया। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान शिवकुमार से मुस्लिम आरक्षण को लेकर सवाल किया गया था। उनसे पूछा गया था कि बीजेपी ने मामले में कोर्ट जाने की बात कही है। इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि समय आने पर संविधान को बदला जा सकता है, जिसके बाद भाजपा नेता उन पर हमलावर हो गए। शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक सरकार के खिलाफ कुछ लोग कोर्ट जरूर जाएंगे। देखते हैं कि कोर्ट इस पर क्या फैसला देता है?
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