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Cold Moon December 2025: आज साल का आखिरी सुपरमून, भारत में कब और कहां से देख सकते हैं?

आज की रात बेहद खास चमकदार होने वाली है क्योंकि आज साल का आखिरी सुपरमून पूरे आसमान को अपनी रोशनी से रौशन कर देगा. दिसंबर की पूर्णिमा के चांद को 'कोल्डमून' भी कहा जाता है और सुपरमून होने से ये कोल्ड सुपरमून होगा. आज आसमान में दिखने वाला चांद आम पूर्णिमा से थोड़ा अलग होगा क्योंकि ये और ज्यादा चमकदार और बड़ा होगा.

Last Supermoon of 2025: आज की रात बेहद खास चमकदार होने वाली है क्योंकि आज साल का आखिरी सुपरमून पूरे आसमान को अपनी रोशनी से रौशन कर देगा. दिसंबर की पूर्णिमा के चांद को 'कोल्डमून' भी कहा जाता है और सुपरमून होने से ये कोल्ड सुपरमून होगा. आज आसमान में दिखने वाला चांद आम पूर्णिमा से थोड़ा अलग होगा क्योंकि ये और ज्यादा चमकदार और बड़ा होगा.

वहीं, खगोल विज्ञान विशेषज्ञ सारिका घारू के अनुसार, आज चांद पृथ्वी के बेहद करीब आएगा—लगभग 3 लाख 57 हजार 218 किलोमीटर की दूरी पर. यही वजह है कि यह सामान्य दिनों से बड़ा और ज्यादा चमकदार दिखाई देगा.

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सुपरमून क्या होता है?

सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा पेरिजी के पास आता है. यह वह बिंदु है जहां चांद अपने अपने ऑर्बिट में धरती के सबसे पास होता है. इस मामले में, चांद लगभग 3,57,000 km दूर होता है, जो औसत से लगभग 10 से 14% ज्यादा पास होता है, जिससे यह साल के सबसे हल्के फुल मून से थोड़ा बड़ा और लगभग 30% ज्यादा चमकदार दिखाई देता है.

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Super Moon कैसे और कब देखें?

चांद सूरज डूबने के आस-पास पूरब में उगेगा और पूरी रात दिखेगा, आधी रात के आस-पास अपने सबसे ऊंचे पॉइंट पर पहुंचेगा और फिर सुबह के आस-पास पश्चिम में डूब जाएगा. यह कई रातों तक लगभग पूरा दिखेगा, लेकिन आज रात का चांद उगना “मून इल्यूजन” की वजह से सबसे शानदार नजारा होगा, जिससे यह इमारतों या पेड़ों से घिरा होने पर बहुत बड़ा लगेगा.

2025 में क्यों दिखे 3 सुपरमून?

सुपरमून क्लस्टर में आते हैं क्योंकि साल भर पेरिगी और फुल मून की तारीखें एक-दूसरे के हिसाब से बदलती रहती हैं. चांद की कक्षा अंडाकार होने की वजह से हर महीने पूर्णिमा के समय चांद और पृथ्वी की दूरी थोड़ी बदलती रहती है. पूर्णिमा ठीक उस समय पड़ती है जब चांद पृथ्वी के सबसे करीब (पेरिगी) होता है, तो उसे सुपरमून कहते हैं – तब चांद सामान्य से 14% बड़ा और 30% तक ज्यादा चमकीला दिखता है.

2025 में कक्षीय गणना कुछ इस तरह संयोग से बनी कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर – लगातार तीन पूर्णिमाएं सुपरमून की परिभाषा में फिट हो गईं. आज रात की दिसंबर पूर्णिमा, जिसे परंपरागत रूप से “कोल्ड मून” कहते हैं, इस सीरीज का आखिरी और तीसरा सुपरमून है. तीन-तीन सुपरमून का लगातार आना अपने आप में दुर्लभ नहीं है.

क्या यह भारत में दिखेगा?

हां, सुपरमून देश के लगभग हर हिस्से में दिखेगा, यह मौसम और इलाके में बादलों पर निर्भर करेगा.


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