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लोजपा (R) की ये कमजोरी चिराग को ले डूबेगी? चाचा पारस के एक्टिव होने से भड़की चिंगारी, समझिए पूरा खेल

Chirag Paswan News: चिराग पासवान के पास इस समय पांच सांसद हैं। इनमें खुद चिराग पासवान, अरुण भारती, वीणा देवी, राजेश वर्मा और शांभवी चौधरी। चिराग पासवान और अरुण भारती रिश्तेदार हैं। आरजेडी के दावों पर चिराग पासवान ने कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Aug 30, 2024 10:50
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आरजेडी के दावों पर चिराग पासवान ने कहा है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। फाइल फोटो

Chirag Paswan News: चिराग पासवान और उनकी पार्टी को लेकर बिहार की सियासत गर्म है। इस गर्मी को लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी के एक विधायक ने हवा दे दी है। आरजेडी का दावा है कि बीजेपी जल्द ही चिराग की पार्टी को तोड़ देगी। आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि चिराग पासवान की पार्टी के तीन विधायकों को तोड़ने के लिए बीजेपी ने पहल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के तीन विधायक जल्द ही बीजेपी में समाहित हो जाएंगे। बीजेपी का यह इतिहास रहा है।

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आरजेडी विधायक ने कहा कि बीजेपी ने पहले मुकेश साहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी को समाप्त करने का काम किया। अब चिराग पासवान पर निगाह है। चिराग जब भी आंख दिखाते हैं। उनका इलाज शुरू हो जाते हैं। आरजेडी विधायक ने सलाह दी कि बिहार के विकास के लिए चिराग पासवान को तेजस्वी यादव के साथ हाथ मिलाना चाहिए।

चिराग के चाचा ने की अमित शाह से मुलाकात

दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 के बाद की सियासत में पशुपति पारस एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं। लेटरल एंट्री, आरक्षण और जाति जनगणना के मुद्दे पर चिराग पासवान के बीजेपी से अलग स्टैंड लेने के बीच पशुपति पारस ने 26 अगस्त को अमित शाह से मुलाकात की। पशुपति पारस एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर चिराग पासवान के साथ गठबंधन किया था। चिराग के अलग रुख लेने के बाद पशुपति पारस की अमित शाह से मुलाकात काफी अहम है।

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3 महीने में बदलता गया चिराग का रुख

दरअसल लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से चिराग पासवान ने अलग लाइन पकड़ रखी है। चिराग ने पहले कोटा के अंदर कोटा वाले फैसले का विरोध किया। फिर लेटरल एंट्री के मामले में केंद्र सरकार का खुलकर विरोध किया। नतीजा रहा केंद्र सरकार को लेटरल एंट्री का विज्ञापन वापस लेना पड़ा। इसके बाद चिराग ने वक्फ संशोधन बिल का भी विरोध किया। और बिल को जेपीसी में भेजने की मांग की। चिराग पासवान ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी जाति जनगणना के पक्ष में है, जबकि बीजेपी जाति जनगणना का विरोध करती रही है। हाल ही में चिराग पासवान ने झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। जाहिर है कि चिराग के झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने से कोयलांचल में दलित वोटों में टूट देखने को मिल सकती है। नीतीश कुमार पहले ही झारखंड में सरयू राय को आगे कर चुके हैं।

लोजपा (R) की कमजोरी

दरअसल चिराग पासवान के पास इस समय पांच सांसद हैं। इनमें खुद चिराग पासवान, अरुण भारती, वीणा देवी, राजेश वर्मा और शांभवी चौधरी। चिराग पासवान और अरुण भारती रिश्तेदार हैं। राजेश वर्मा पहली बार सांसद बने हैं। वहीं शांभवी चौधरी पहली जीती हैं और जेडीयू के नेता अशोक चौधरी की बेटी हैं। वीणा देवी पिछली बार जब लोजपा टूटी थी, तब भी उसका हिस्सा थीं।

हालांकि आरजेडी के दावों पर चिराग पासवान ने कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। जो लोग सोचते हैं कि इस तरह कि अफवाह उड़ा कर चिराग पासवान को डरा देंगे, तो यह काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ेगी। मेरी पार्टी के सांसद मेरे साथ हैं।

 

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Written By

Nandlal Sharma

First published on: Aug 30, 2024 10:48 AM

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