कुआलालंपुरः पर्यटन को बढ़ावा और आमदनी बढ़ाने के लिए मलेशिया ने एक बड़ी पहल की है. इसके तहत भारत और चीन के लोगों को बिना वीजा के मलेशिया में प्रवेश मिलेगा. मलेशिया के प्रधानमंत्री मुन्नवर इब्राहिम ने घोषणा कि है कि 1 दिसंबर से दोनों देशों के नागरिकों को मलेशिया में एक महीने ठहरने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होगी। प्रधानमंत्री इब्राहिम ने रविवार देर रात पीपुल्स जस्टिस पार्टी कांग्रेस के एक भाषण के दौरान यह घोषणा की. लेकिन उन्होंने बताया कि वीजा छूट कितने समय तक लागू रहेगी।
चीन और भारत मलेशिया के सबसे बड़े स्रोत बाजार हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी और जून 2023 के बीच 9.16 मिलियन पर्यटक मलेशिया आए. इनमें से चीन से 498,540 और भारत से 283,885 पर्यटक आए। जबकि कोरोना महामारी से पहले जनवरी-जून 2019 में चीन से 1.5 मिलियन और भारत से 354,486 पर्यटक मलेशिया पहुंचे थे।
थाईलैंड की राह पर चला मलेशिया
मलेशिया ने पड़ोसी देश थाईलैंड की तर्ज पर पर्यटन को बढ़ावा देने और अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भारत और चीन के नागरिकों को वीजा से छूट दी है. बताते चलें कि अभी चीनी और भारतीय नागरिकों को मलेशिया में प्रवेश के लिए वीजा के लिए आवेदन करना पड़ता है.
चीन ने भी मलेशिया के लोगों को दिया है ऑफर
गौरतलब है कि इसके पहले 24 नवंबर को चीन ने भी मलेशिया के नागरिकों के लिए 15 दिनों के लिए फ्री वीजा ट्रैवल करने की घोषणा की थी। मलेशिया के प्रधानमंत्री ने भाषण के दौरान चीन सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अगले साल मलेशिया और चीन के राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे हो जाएंगे.
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भारत और मलेशिया के रिश्ते में और मजबूती आएगी
जानकारी के मुताबिक मलेशिया ने भारत के नागरिकों के लिए फ्री वीजा टूर का ऑफर भारतीय मीडिया एक्सचेंज प्रोग्राम 2023 के तहत किया है. इस प्रोग्राम में मलेशिया के हाईकमीशन बीएन रेड्डी ने कहा कि मलेशिया और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. 2022 में भारत और मलेशिया ने 65 साल राजनयिक संबंधों को पूरा कर लिए हैं. उन्होंने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मलेशिया दौरे का बाद दोनों देशों के संबंधों में और मजबूती मिली है. मलेशिया सरकार द्वारा फ्री वीजा टूर फैसला इसमें मील का पत्थर साबित होगा.